IMD Forecast: तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्रप्रदेश पर मंडराया चक्रवाती तूफान का खतरा, भारी बारिश का अलर्ट जारी
साइक्लोनिक तूफान की आशंका के चलते 8 दिसंबर तक मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में जाने से रोका गया है।
IMD Forecasts: मौसम के उलट-फेर से हर कोई हैरान-परेशान है तो वहीं दक्षिण भारत में बारिश का सिलसिला रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले तमिलनाडु का मानसून, फिर पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता तो वहीं अब दक्षिण अंडमान सागर में बन रहे साइक्लोनिक प्रेशर ने मौसम वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है। दरअसल इस वक्त साउथ अंडमान के ऊपर एक लो प्रेशर एरिया बना गया है, जिसके कि चक्रवाती तूफान में तब्दील होने के पूरे के पूरे चांस दिख रहे हैं इसलिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है।
पडुचेरी, कराईकल और आंध्र प्रदेश में अलर्ट
आईएमडी का कहना है कि इस तूफान की वजह से 8 दिसंबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।
मछुआरों को समुद्र में जाने से रोका
विभाग के मुताबिक पुडुचेरी, कराईकल और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में 7 दिसंबर से ही बारिश शुरू हो जाएगी इसलिए 8 दिसंबर तक मछुआरों को बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में जाने से रोका गया है।
हल्की बारिश और बर्फबारी की आशंका
जहां दक्षिण का ये हाल है, वहीं दूसरी ओर पहाड़ों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की आशंका बनी हुई है। मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान दिल्ली समेत कई शहरों में पारा गिरने वाला है और सर्दी में इजाफा होने वाला है।आईएमडी ने कहा है कि आने वाले दो-तीन दिनों के अंदर तेजी से पारे में गिरावट आ सकती है। बिहार, यूपी, एमपी और छत्तीसगढ़ में अब ठंड बढ़ेगी और कुछ जगहों पर शीतलहर और कोहरे का भी प्रकोप नजर आएगा।
हाड़ कंपाने वाली सर्दी नहीं पड़ेगी..
अनुमान के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान दिल्ली के प्रदूषण में कमी नहीं आएगी और मौसम शुष्क रहेगा तो वहीं न्यूनतम तापमान 8 डिग्री और अधिकतम तापमान 25 डिग्री के आस-पास रहेगा।
मृत्युंजय मोहापात्रा ने कही खास बात
हालांकि मौसम विभाग (IMD) के प्रमुख मृत्युंजय मोहापात्रा ने हाल ही में कहा था कि नार्थ-वेस्ट में एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण हाड़ कंपाने वाली ठंड इन हिस्सों में नहीं पड़ेगी। उतनी ही ठंड पड़ेगी जितनी सर्दी के मौसम में औसतन पड़ती है। भारत में सर्दी का मौसम दिसंबर से फरवरी तक का माना जाता है तो ठंडक इन्हीं महीनों में देखी जाएगी और तापमान में उतार-चढ़ाव डेली बेसिस पर ही होगा।