10 गुना महंगी हुई IIT एमटेक की पढ़ाई, खत्म होगा हर महीने मिलेने वाला 12,400 रुपए का स्टाइपेंड
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नई दिल्ली। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) ने एमटेक कोर्स की फीस में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने एमटेक की ट्यूशन फीस को दस गुना बढ़ाने का फैसला किया है। 2020 के शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले तीन साल के कोर्स में फीस को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा स्टूडेंट्स को दिए जाने वाले 12,400 रुपए के स्टाइपेंड को खत्म करने का भी सुझाव दिया गया है। ये स्टाइपेंड गेट के आधार पर आने वाले छात्रों को दिया जाता था।
आईआईटी में एमटेक के लिए प्रति छात्र सात लाख रुपये का खर्च आता है
आईआईटीज की काउंसिल ने शुक्रवार को एमटेक प्रोग्राम की फीस को बीटेक कोर्सों की फीस के बराबर करने को मंजूरी दी है। बीटेक कोर्सों की फीस करीब 2 लाख रुपये सालाना है। आईआईटीज में एमटेक कोर्स की मौजूदा ऐडमिशन और ट्यूशन फीस की सालाना फीस 20 हजार से 50 हजार रुपए तक लगती है। इस तरह से आईआईटीज के एमटेक प्रोग्राम की फीस में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। नाम ना छापने की शर्त पर एक आईआईटी अधिकारी ने बताया कि, वर्तमान में आईआईटी में एमटेक के लिए 20,000 रुपये से 50,000 रुपये सालाना शुल्क लगता है। जबकि एक साल में आईआईटी में एमटेक के लिए प्रति छात्र सात लाख रुपये का खर्च आता है।
खत्म होगा हर महीने मिलने वाला स्टाइपेंड
इसके साथ ही 23 आईआईटी की शीर्ष निर्णय निकाय ने ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग(गेट) के तहत एमटेक पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाले छात्रों को मिलने वाली हर महीने 12,400 रुपये की स्टाइपेंड (छात्रवृत्ति) को खत्म कर दिया है। अखबार द मिंट ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है कि साल 2019 में 12,000 छात्रों ने गेट के तहत आईआईटी में एमटेक पाठ्यक्रम के लिए दाखिला लिया। इसकी जगह इस स्टाइपेंड के कुछ हिस्से का इस्तेमाल यूजी लैब्स और कोर्सों में टीचिंग असिस्टेंटशिप के तौर पर देने के लिए किया जाएगा। इस फंड का अन्य पेशेवराना गतिविधियों के लिए भी किया जा सकता है।
अभी कहां कितनी है एमटेक की फीस
मौजूदा समय में एक सेमेस्टर के लिए आईआईटी मुंबई की एमटेक ट्यूशन फीस 5,000 रुपये है जबकि आईआईटी दिल्ली की 10,000 रुपये। आईआईटी मद्रास में 3,750 रुपये की एकमुश्त भुगतान के साथ ट्यूशन फीस 5,000 रुपये है। आईआईटी खड़गपुर के पहले सेमेस्टर की फीस 25,950 रुपये है। इसमें से 6,000 रुपये रिफंड हो जाता है। बाद के सेमेस्टरों के लिए 10,550 रुपये फीस है। कुल 23 आईआईटीज में से सात पुरानी आईआईटीज में करीब 14,000 एमटेक छात्र हैं।
प्रोफेसरों के परफॉर्मेंस की होगी समीक्षा
मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आईआईटी की आंतरिक कमेटी ने सभी आईआईटी में एमटेक पाठ्यक्रम के लिए एकसमान फीस रखने की सलाह दी है। काउंसिल की मीटिंग में 'टेन्योर ट्रैक सिस्टम' को मंजूरी दी गई है। इसके आधार पर नए प्रोफेसरों के परफॉर्मेंस की हर 5 साल पर समीक्षा होगी। एक एक्सटर्नल कमेटी रिसर्च और संस्थान को उनकी सेवा के आधार पर प्रोफेसरों का मूल्यांकन करेगी। इस मूल्यांकन के आधार पर नए प्रोफेसरों का एसोसिएट प्रोफेसर के तौर पर प्रमोशन होगा या फिर उनकी छुट्टी कर दी जाएगी।
कमजोर छात्रों को नहीं छोड़नी होगी आईआईटी
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पढ़ाई में कमजोर ऐसे छात्र जो अगले सेमेस्टर में प्रवेश के लिए जरूरी क्रेडिट (अंक) पाने में सफल नहीं होते उन्हें दूसरे सेमेस्टर के बाद डिग्री पाठ्यक्रम के माध्यम से इंजीनियरिंग छोड़ने का विकल्प दिया जा सकता है। अधिकारी ने कहा, इस संबंध में फैसला सभी आईआईटी अपने अनुसार लेंगे। अभी तक आईआईटी में दाखिला लेने वाले छात्रों को बी टेक की डिग्री पाने के लिए आठ सेमेस्टर (चार साल) की पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। अधिकारी ने बताया, अब पढ़ाई में कमजोर छात्रों को दूसरे सेमेस्टर के बाद बीएससी डिग्री चुनने और तीन साल बाद संस्थान छोड़ने का विकल्प होगा। बशर्ते अगर वह पढ़ाई के न्यूनतम मानदंडों को पूरा करते हैं।
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