अगर डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह चाहते हैं, तो सरकार के तीन महत्वपूर्ण टिप्स को जरूर ध्यान में रखिए
नई दिल्ली, 9 मई: शनिवार को देश में लगातार चौथे दिन 4 लाख से ज्यादा नए संक्रमण के मामले सामने आए और 24 घंटों में 4,092 मरीजों की कोविड से मौत हो चुकी है। अस्पतालों में स्थिति बेहतर करने की लगातार कोशिशें हो रही हैं, लेकिन फिर भी मांग पूरी करना नामुमकिन सा लग रहा है। आज की तारीख में भारत में कोरोना के 37,36,648 ऐक्टिव केस हैं। ऐसे में डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्थ करने की मांग में भी अप्रत्याशित इजाफा हो गया है। कोविड तो अपनी जगह है, स्वास्थ्य से जुड़ी दूसरी परेशानियों का भी लोग घर बैठे समाधान चाहते हैं। ना तो मरीज डॉक्टर के पास जाना चाहते हैं और जो डॉक्टर कोविड के इलाज से नहीं जुड़े हैं, वह भी लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहते हैं। आफत में अवसर के तौर पर इस समय डॉक्टर से ऑनलाइन कंसल्टेशन बहुत ही बेहतर विकल्प बनकर उभरा है। लेकिन, सावधान! यह सिस्टम भी जोखिम से खाली नहीं है। इसलिए, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने किसी भी धांधली के शिकार होने से पहले तीन महत्वपूर्ण सुरक्षा टिप्स दिए हैं।
ऑनलाइन मेडिकल सलाह या दवा लेते समय सतर्क रहें
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले रखा है। लेकिन, लोगों को तो मेडिकल मदद चाहिए, ऐसे में टेलीमेडिसीन और ऑनलाइन मेडिकल सलाह एक बहुत ही महत्वपूर्ण टूल बनकर उभरा है। । लेकिन दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरह ही यह रास्ता भी खतरे से खाली नही है और इसकी कुछ खामियों का फायदा उठाने के लिए अपराधी और असमाजिक तत्व बहुत ज्यादा सक्रिय हो चुके हैं। भारत सरकार ने इस स्थिति को देखते हुए नागरिकों को सचेत रहने और ऑनलाइन मेडिकल सलाह लेते वक्त अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑनलाइन मेडिकल एडवाइस लेने वालों के लिए तीन सिक्योरिटी टिप्स जारी किए हैं और लोगों को डॉक्टर बनकर ऑनलाइन ठगी करने वाले जालसाजों से सावधान रहने को कहा है।
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गृह मंत्रालय ने जारी किए तीन सुरक्षा टिप्स
साइबरदोस्त ट्विटर हैंडल, जो कि गृह मंत्रालय की ओर से मैनेज किया जा रहा है, उसमें टेलीमेडिसीन या ऑनलाइन कंस्टलेटशन लेने वालों के लिए ये तमाम सुरक्षा टिप्ट दिए गए हैं। इसमें इस बात का साफ जिक्र किया गया है कि कुछ जालसाज मौके का फायदा उठाकर खुद को डॉक्टर बता रहे हैं, इसलिए ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचें। साइबर दोस्त ने इसके लिए तीन टिप्स जारी किए हैं-
1- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जालसाज खुद को डॉक्टर की तरह पेश करके लोगों को टेलीमेडिसीन/कंस्लटेशन के नाम पर चूना लगा सकते हैं।
2- एडवांस में पेमेंट करने से पहले सजग रहिए।
3- अगर टेलीमेडिसीन,कंस्लटेशन के नाम पर किसी तरह का अपराध होता है तो नजदीकी पुलिस स्टेशन या डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट साइबरक्राइम डॉट गॉव डॉट इन पर जाकर रिपोर्ट कीजिए।
ऑनलाइन मेडिकल एडवाइस से लोगों को मिल रही है मदद
पिछले महीने से अबतक देश में कोविड की दूसरी लहर ने कई वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। स्वास्थ्य व्यवस्था लगभग अंतिम सांसें गिनने की स्थिति में है। डिमांड और सप्लाई का गैप पहाड़ बन चुका है। देश के कई हिस्सों से अस्पतालों में बेड, बाजारों में जरूरी दवाइयां और बाकी मेडिकल जरूरतों की चीजों की जबर्दस्त किल्लत हो रही है। इस आपदा के समय में मुनाफाखोरी और कालाबाजारी हालात की गंभीरता को और भयानक बना रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन दवा मंगवाना और डॉक्टरों से संपर्क करके इलाज करना बहुत ही बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। लेकिन, इसपर भी समाज के दुश्मनों की नजर पड़ चुकी है। जब धांधलियों की शिकायतें मिली हैं, तब जाकर गृहमंत्रालय की ओर से इस तरह की एडवाइजरी जारी की गई है। देश में दूसरी लहर की वजह से कोरोना वायरस के कुल मामले बढ़कर 2,22,96,414 तक पहुंच चुके हैं।