'राजनीति नहीं आती तो घर जाकर खाना बनाओ', सुप्रिया सुले को लेकर भाजपा नेता ने दिया विवादित बयान
मुंबई, 26 मई: महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सांसद सुप्रिया सुले पर सेक्सिस्ट (sexist)कमेंट करने के बाद विवादों में आ चुके हैं। ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पाटिल ने सुले को कहा "अगर आप राजनीति नहीं समझती हैं, तो घर जाकर खाना बनाना।" ये बात भाजपा नेता पाटिल ने सुप्रिया सुले के लिए बोली जो महाराष्ट्र की मंत्री होने के साथ भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी सुप्रीमों शरद पवार की बेटी भी हैं।
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सुले
ने
उठाया
था
ये
सवाल
इससे
पहले
बुधवार
को
सुप्रिया
सुले
इसी
मुद्दे
पर
पार्टी
की
एक
बैठक
को
संबोधित
कर
रही
थीं।
बीजेपी
शासित
मध्य
प्रदेश
को
ओबीसी
आरक्षण
पर
सुप्रीम
कोर्ट
से
राहत
कैसे
मिली,
इस
पर
सवाल
उठाते
हुए
उन्होंने
कहा,
"मध्य
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
दिल्ली
आए
और
'किसी'
से
मिले...
मुझे
नहीं
पता
कि
अचानक
क्या
हुआ।
अगले
दो
दिन
और
उन्हें
ओबीसी
आरक्षण
के
लिए
हरी
झंडी
मिल
गई..."
पाटिल
ने
सुले
से
बोली
ये
बात
जहां
सुप्रिया
सुले
ने
बात
की
थी,
वहां
से
चंद
दूरी
पर
विरोध
प्रदर्शन
कर
रहे
पाटिल
ने
उनके
बयान
का
जवाब
दिया।
उन्होंने
कहा,
"आप
राजनीति
में
क्यों
हैं?
घर
जाओ
और
खाना
बनाओ।
आप
राजनीति
में
हैं
और
आपको
समझ
में
नहीं
आता
कि
सीएम
से
कैसे
मिलना
है?
आप
भी
दिल्ली
जाएं
या
नर्क
या
कहीं
भी
जाएं,
लेकिन
आरक्षण
दें।"
सुले
के
पति
ने
पाटिल
को
दिया
ये
जवाब
इस
बीच,
सुप्रिया
सुले
के
पति,
सदानंद
सुले,
जो
राजनीति
से
दूर
रहते
हैं,
उन्होंने
चंद्रकांत
पाटिल
पर
निशाना
साधा।
सदानंद
ने
बयान
की
निंदा
करने
के
लिए
सोशल
मीडिया
का
सहारा
लिया
और
कहा
कि
उन्हें
अपनी
पत्नी
पर
गर्व
है।
मैंने
हमेशा
यह
सुनिश्चित
किया
है
उन्होंने
कहा,
"मैंने
हमेशा
कहा
है
कि
वे
(भाजपा)
जब
भी
संभव
हो
महिला
द्वेषी
और
नीच
महिलाएं
हैं।
मुझे
अपनी
पत्नी
पर
गर्व
है
जो
एक
गृहिणी,
मां
और
एक
सफल
राजनेता
है,
जो
भारत
में
कई
अन्य
मेहनती
और
प्रतिभाशाली
महिलाओं
में
से
एक
है।
यह
है
सभी
महिलाओं
का
अपमान।"
ओबीसी
आरक्षण
को
लेकर
राजनीति
गर्मा
रही
बता
दें
अनुसूचित
जाति
द्वारा
स्थानीय
निकायों
में
ओबीसी
के
लिए
राजनीतिक
आरक्षण
पर
रोक
लगाने
के
बाद
पिछले
कुछ
महीनों
में
महाराष्ट्र
की
राजनीति
गर्म
हो
गई
है।
जहां
भाजपा
ने
अदालतों
में
ओबीसी
आरक्षण
की
लड़ाई
हारने
के
लिए
राज्य
सरकार
को
दोषी
ठहराया
है,
वहीं
सत्तारूढ़
एमवीए
ने
केंद्र
पर
अनुभवजन्य
डेटा
उपलब्ध
नहीं
कराने
का
आरोप
लगाया
है।
हम राज्य में सभी मस्जिदें खोदेंगे अगर..... तेलंगाना भाजपा प्रमुख ने ओवैसी को दी चुनौती