पंजाब कलह पर संजय राउत की कांग्रेस को सलाह-बड़े दल का बिना मुखिया के होना भ्रम पैदा करता है
नई दिल्ली, अक्टूबर 02: पंजाब में जारी कलह को लेकर अब कांग्रेस की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने उसे सलाह दी है। शिवसेना ने अपने संपादकीय 'सामना' में शुक्रवार को कहा था कि, कांग्रेस को एक पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। अब पार्टी नेता संजय राउत ने शनिवार को एक बार फिर अपने महाराष्ट्र सहयोगी को वही सलाह दी। राउत की ओर ये ये टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कांग्रेस की पंजाब इकाई के भीतर चल रही अंदरूनी कलह मीडिया की सुर्खियों में बना रही हैं।
संजय राउत ने कहा कि, अगर कांग्रेस जैसी बड़ी राजनीतिक पार्टी बिना मुखिया के रहती है, तो यह स्वाभाविक रूप से भ्रम पैदा करती है। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही अपने आंतरिक मामलों को सुलझा लेगी। शुक्रवार को शिवसेना ने कहा था कि पार्टी में नेतृत्व को लेकर व्याप्त भ्रम पंजाब में राजनीतिक संकट के लिए उतना ही जिम्मेदार है जितना कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)। शिवसेना ने यह भी दावा किया कि हालांकि राहुल गांधी कांग्रेस के सामने आने वाले मुद्दों को हल करने की कोशिश कर रहे थे, पार्टी में पुराने समय के लोगों ने पार्टी को डूबने के उद्देश्य से ऐसा करने से रोकने के लिए भाजपा के साथ एक गुप्त समझौता किया था।
Recommended Video
राहुल गांधी किले की मरम्मत करना चाहते हैं। परंतु पुराने लोग राहुल गांधी को ऐसा करने नहीं दे रहे हैं। राहुल गांधी को रोकने के लिए इन लोगों ने अंदर से बीजेपी जैसी पार्टी से हाथ मिला लिया है, ऐसा अब पक्का हो गया है। कांग्रेस को डुबाने की सुपारी कांग्रेसियों ने ही ली है। कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है। बिना सिर के शरीर का क्या फायदा? कांग्रेस बीमार है और उसका इलाज करना चाहिए, लेकिन इलाज सही है या गलत उसकी समीक्षा की जानी चाहिए।
सामना ने लिखा कि, कांग्रेस पार्टी में नेता कौन है यह सवाल ही है। गांधी परिवार है, परंतु नेता कौन? अध्यक्ष कौन? इस बारे में भ्रम होगा तो उसे दूर करना चाहिए। कोई बड़ा नेता पंजाब में जाकर बैठेगा व मामला खत्म करेगा, ऐसा कोई है क्या? कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवानी जैसे युवा कांग्रेस पार्टी में आए। गुजरात के हार्दिक पटेल भी आए हैं। लेकिन उनकी वजह से कांग्रेस उफान मार सकेगी क्या? पंजाब में गड़बड़ी शुरू रहने के दौरान गोवा के लोकप्रिय कांग्रेसी लोग पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में चले गए।
हरियाणा: धान खरीद में देरी पर किसानों ने किया सीएम खट्टर के आवास का घेराव, बैरिकेड तोड़े
पंजाब में कांग्रेस फोड़कर बीजेपी को विधानसभा निगलनी है। इसे मजाक ही कहना होगा। कांग्रेस के बगैर बीजेपी भी जीत नहीं सकती है और बीजेपी को भी कांग्रेस के टॉनिक की जरूरत पड़ती है। परंतु यह बोध कांग्रेस नेतृत्व को कब होगा? वैसे अमरिंदर, लुईजिन फलेरो आदि को पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री जैसा सर्वोच्च पद देने के बाद भी ये लोग कांग्रेस छोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह बेशर्मी की हद है।