HAL पर बरसे IAF चीफ बीएस धनोआ, बोले इसकी वजह से वायुसेना की युद्धक क्षमता पर पड़ा बुरा असर
नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने शुक्रवार को हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्टस लिमिटेड (एचएएल) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने एचएएल पर हमला बोलते हुए कहा है कि इस संगठन की वजह से वायुसेना की फाइटिंग कैपेसिटी यानी युद्धक क्षमता पर खासा असर पड़ा है। धनोआ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब फ्रेंच जेट राफेल की डील में एचएएल की भूमिका को लेकर भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। धनोआ ने यह बात राजधानी दिल्ली में आयोजित मजूमदार इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के दौरान कही जिसका आयोजन सेंटर फॉर द एयर पावर स्टडीज (कैप्स) में किया जा रहा है। यह भी पढ़ें- Video: बेंगलुरु के एचएएल एयरपोर्ट पर मिराज 2000 क्रैश, दोनों पायलट की मौत
दुश्मन नहीं देगा कोई भी छूट
एयर चीफ मार्शल ने सवाल उठाया और कहा, 'आईएएफ ने हमेशा एचएएल के साथ सहयोग किया और एचएएल को कई प्रकार की छूट भी दी। लेकिन क्या जब हम युद्ध के मैदान में दुश्मन का सामना करेंगे तो वह हमें कोई छूट देगा? उन्होंने यह बात उस समय कही जब उनसे आईएएफ की ओर एचएएल की तरफ से तैयार लाइट कॉम्बेट जेट तेजस की लगातार आलोचना से जुड़ा सवाल पूछा जा रहा था। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा, 'आईएएफ ने कभी भी अपना लक्ष्य नहीं बदला है।' धनोआ ने वायुसेना पर लग रहे सभी आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया।
सिर्फ 10 फाइटर जेट्स बनाए एचएएल ने
वायुसेना पर आरोप लगे थे कि एचएएल तेजस का डेवलपमेंट ठीक से नहीं कर पा रहा क्योंकि आईएएफ लगातार अपनी जरूरतों को स्पेसिफिकेशन में बदलाव करती रहती है। इस आरोप से अलग बीएस धनोआ ने जवाब दिया, 'साल 1985 में जब पहले 20 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट मिले थे, वायुसेना ने तब से अपनी एयर स्टाफ क्वालिटी रिक्वायरमेंट्स को बरकरार रखा है।' इसके बाद उन्होंने कहा कि एचएएल भी सिर्फ 10 फाइटर जेट्स तैयार करने में ही सक्षम हो पाई है।
अपग्रेडेशन में भी देरी
एयर चीफ मार्शल धनोआ ने जानकारी दी कि जगुआर स्ट्राइक बॉम्बर्स की एक स्क्वाड्रन, सुखोई-30 की दो स्क्वाड्रन और एक स्क्वाड्रन मिराज-2000 जो कि एक मल्टी रोल जेट है, अपग्रेडेशन के लिए एचएएल के पास हैं। उन्होंने बताया कि एचएएल की तरफ से इस काम में काफी देर हो रही है। उन्होंने ने कहा कि इंडियन एयरफोर्स अब तक 17 टेस्ट पायलट्स और इंजीनियर्स को अलग-अलग हिस्सों में हुए हादसों में गंवा चुकी है। उन्होंने कहा कि ये हादसे तब हुए जब देश में ही बने मारुत फाइटर्स और किरन ट्रेनर्स को टेस्ट किया जा रहा था।
एचएएल ने नहीं की कोई भी टिप्पणी
एचएएल की ओर से इस पर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है। एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ का यह बयान तब आया है जब पिछले दिनों आई इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में कहा गया था कि अगले दो वर्षों में आईएफ के पास सिर्फ 26 ही फाइटर स्क्वाड्रन होंगी। आईएफ को 42 फाइटर स्क्वाड्रन की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर देश में निर्मित लाइट कॉम्बेट जेट (एलसीए) और राफेल की सप्लाई सही समय पर हो जाती है तो भी स्क्वाड्रन की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ेगा।