उत्तर कोरिया से कैसे निबटेंगे ट्रंप और जिनपिंग?
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप जापान और दक्षिण कोरिया के बाद चीन पहुंचे हैं.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप चीन के दौरे पर हैं. चीन और अमरीका की वार्ता उत्तर कोरिया के मुद्दे पर ही केंद्रित रहने के अनुमान हैं.
ट्रंप दक्षिण कोरिया की संसद में भाषण देने के बाद चीन पहुंचे हैं. अपने भाषण में उन्होंने चीन से उत्तर कोरिया को और अधिक अलग-थलग करने का आह्वान किया था.
अमरीका उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने में चीन की भूमिका को अहम मानता है, वहीं चीन का कहना है कि वो पहले से ही बहुत कुछ कर रहा है.
जिनपिंग के लिए कसीदे
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्रपति ट्रंप का शानदार स्वागत किया है. ट्रंप की यात्रा को 'अधिकारिक यात्रा से अधिक' महत्व दिया जा रहा है.
चीन पहुंचने से पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने शी जिनपिंग की तारीफ़ करते हुए कहा था कि चीन के राष्ट्पति की महान राजनीतिक जीत के बाद उनसे मुलाक़ात को लेकर वो आशावादी हैं.
हाल ही में हुई चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिवेशन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ताक़तवर होकर उभरे हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि अब जिनपिंग और मज़बूत हुए हैं और ट्रंप के साथ वार्ता में वो शायद ही समझौता करें.
शानदार स्वागत
ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया जब बीजिंग पहुंचे तो उनका स्वागत रेड कार्पेट, सैन्य बैंड और अमरीकी झंडे लहराते बच्चों ने किया.
अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के अंतिम दौर में जब बराक ओबामा चीन आए थे तब उनके स्वागत में रेड कार्पेट नहीं बिछाई गई थी. इसे चीन का सोचा-समझा क़दम माना गया था.
यही नहीं ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया को सदियों से चीन के सम्राट का निवास स्थल रहे 'द फॉरविडन सिटी' भी ले जाया गया.
चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपनी पोती का वीडियो भी दिखाया जिसमें वो मंदारिन भाषा में गा रही हैं. शी जिपनिंग ने कहा कि ये 'ए प्लस' ग्रेड लायक है.
यही नहीं अमरीकी राष्ट्रपति को अभूतपूर्व सम्मान देते हुए शी जिनपिंग और उनकी पत्नी ने उनके सम्मान में द फ़ॉरबिडन सिटी के भीतर ही रात्रि भोज भी आयोजित किया.
बाद में राष्ट्रपति ट्रंप ने शी जिनपिंग का शुक्रिया करते हुए इसे 'अविस्मरणीय दोपहर और शाम बताया.'
बराबरी चाहता है चीन
दुनिया के सबसे ताक़तवर और दूसरे सबसे ताक़तवर व्यक्ति ने बीजिंग में मुलाक़ात की है. लेकिन इनमें से पहले नंबर पर कौन है?
बीजिंग में बीबीसी संवाददाता जॉन सडवर्थ के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप और राष्ट्रपति जिनपिंग जब 'द फॉरबिडन सिटी' में तस्वीर खिंचाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए होंगे तो कुछ लोगों को हैरानी ज़रूर हुई होगी.
ट्रंप को अपने देश में कमज़ोर माना जा रहा है, वो स्कैंडलों में घिरे है और उनका एजेंडा कथित तौर पर भटक रहा है और अमरीका से बाहर उनकी बहुत ज़्यादा दिलचस्पी नहीं है.
ट्रंप एक ओर जहां यहां बहुत सी उम्मीदें लेकर आए हैं, वो उत्तर कोरिया के मुद्दे पर मदद चाहते हैं, व्यापार घाटे को कम करना चाहते हैं, वहीं चीन की इस यात्रा से बहुत ज़्यादा उम्मीदें नहीं हैं, सिवाए एक मामले के.
चीन का सरकारी मीडिया इसे इतिहास के एक नए अध्याय के रूप में देख रहा है जो "प्रमुख शक्ति संबंधों" पर आधारित है.
'कारोबारी' अमरीकी राष्ट्रपति, जो अमरीकी मूल्यों पर कम ही बात करते हैं, चीन को लग रहा होगा कि अब समय आ गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप उसपर ध्यान दें.
उत्तर कोरिया पर ट्रंप क्या बोले?
चीन पहुंचने से कुछ ही घंटे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरिया को वो नरक बतया जहां किसी को भी नहीं रहना चाहिए.
उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम से अंतरराष्ट्रीय चिंताएं पैदा हुई हैं. सितंबर में ही उत्तर कोरिया ने अपना अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण किया था.
अपने चिर-परिचित अंदाज़ में उत्तर कोरिया को चेतावनी देते हुए ट्रंप ने कहा, "हमें कम मत आंकों, हमें आज़माने की कोशिश मत करो."