भारत सरकार का सबसे बड़ा हथियार 'सोशल नेटवर्किंग'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 को शपथ लेने के बाद एक बात साफ कर दी थी कि उनके मंत्रिमंडल समेत पीएमओ दफ्तर में काम करने वाले सभी कर्मचारी और भाजपा के कार्यकर्ता व सदस्य सोशल नेटवर्किंग का प्रयोग करेंगे। मोदी ने यह भी कहा था कि ऐसा करने से बहुत ही आसानी से इतने बड़े देश में जन-जन तक पहुंचा जा सकता है। कोई भी मंत्री या फिर अधिकारी सोशल नेटवर्किंग के जरिए भारत सरकार से जुड़े हुए लोगों को नजरंदाज नहीं करेगा।
नरेंद्र मोदी ने अपने निर्देश में एक बात साफ कर दी है कि ऐसा न करने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यह दिक्कत सिर्फ भारत सरकार के जरिए ही नहीं बल्कि आम जन से भी मिल सकती है। मोदी के अनुसार, सोशल नेटवर्किंग के जरिए लाखों-करोड़ों लोग जुड़े हुए हैं। ये वो लोग हैं जो चाहते हैं कि उनकी समस्या समय के आभाव में कोई भी अधिकारी या फिर नेता सोशल नेटवर्किंग के जरिए से सुने और संभवत: खत्म भी कर दे।
भारत सरकार का अद्भुत सार्थक कदम:
भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि सोशल नेटवर्किंग साइट से सिर्फ जुड़ना ही नहीं है बल्कि उसका अध्ययन भी करना है। यह अध्ययन ऐसा होना चाहिए कि यूजर्स को यह पता चले कि उनसे जुड़े हुए लोग किस तरह की उम्मीदें रख रहे हैं और क्या बदलाव देखना चाहते हैं। इस प्रक्रिया के जरिए भली-भांति इस चीज को समझा जा सकता है कि आखिर देश की जनता की कौन सी प्रमुख अपेक्षाएं भारत सरकार से हैं।
वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक टिवटर अकाउंट है @narendramodi के नाम से जिस पर 4.8 मिलियन लोग उनसे जुड़े हुए हैं। इसी के साथ भारत सरकार का भी एक अकाउंट टिवटर पर है जिसमें 1.61 मिलियन उन्हें फॉलो कर रहे हैं।