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हॉरर फिल्मों के शौकीन कोरोना महामारी के दौर में हुए कम परेशान, रिसर्च आई सामने

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नई दिल्ली। कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। महामारी के चलते कई देशों में लंबा-लंबा लॉकडाउन लगा। अब भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के चलते सिर्फ जरूरी काम से ही बाहर निकल रहे हैं। ऐसे में लोग न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक परेशानी का भी सामना कर रहे हैं। इस बीच एक नई रिसर्च सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान हॉरर फिल्मों (Horror Movies) के शौकीन लोगों को कम मुश्किलों को सामना करना पड़ा। साथ ही और लोगों की तुलना में बेहतर तरीके से महामारी के दौरान मुश्किलों का सामना किया।

हॉरर मूवी देखने वालों को कम तनाव

हॉरर मूवी देखने वालों को कम तनाव

द इंडेपेंडेंट में छपी खबर के मुताबिक डेनमार्क की आरहस यूनिवर्सिटी (Aarhus University) के स्कूल ऑफ कम्यूनिकेशन एंड कल्चर ने इस रिसर्च को किया है। रिसर्च में 310 लोगों के बारे में आंकड़े जुटाए गए। जिसमें ये पाया गया कि जो लोग हॉरर फिल्में देखना पसंद करते हैं उन्हें इस कोरोना महामारी के दौरान पिछले कुछ महीनों में कम मानसिक तनाव झेलना पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक 'हॉरर फिल्मों में कम मानसिक तनाव की शायद एक वजह ये भी है कि इस तरह की फिल्में अपने दर्शकों को एक सुरक्षित माहौल में नकारात्मक भावनाओं को डील करने का अभ्यास करने का मौका देती है।

हॉरर फिल्म के दौरान हम एक सुरक्षित माहौल में नकारात्मक भावनाओं को अनुभव करना असल में हमारे दिमाग को डर से निपटने में रणनीति बनाने में मदद करता है। इससे वास्तविक जीवन में मुश्किल परिस्थिति आने पर शांति से निपट सकते हैं।

हॉरर कहानियां से सीखने को मिलता है अवसर

हॉरर कहानियां से सीखने को मिलता है अवसर

रिपोर्ट में कहा गया है हालांकि लोग डरावनी फिल्में सिर्फ मनोरंजन के इरादे से देखने जाते हैं न कि कुछ सीखने के लिए। बावजूद इसके डरावनी कहानियां सीखने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराती हैं। फिक्शन स्टोरी अपने दर्शकों को दुनिया का एक आभासी वर्जन तैयार करने में मदद करता है। फिक्शन के माध्यम से दर्शक ये समझ सकते हैं कि खतरनाक शिकारियों से कैसे बचा जाए। सामाजिक स्थितियों को समझने का मदद मिलता है। साथ ही लोगों के मन को पढ़ने और भावनाओं पर नियंत्रण करने का अभ्यास कर सकते हैं।

अचानक से हॉरर फिल्में न देखना शुरू करें

अचानक से हॉरर फिल्में न देखना शुरू करें

साथ ही रिसर्च में ऐसे लोगों को चेतावनी भी दी गई कि जो डरावनी फिल्में नहीं देखते हैं। ऐसे लोगों को सलाह दी गई है कि अपने मानसिक स्तर को मजबूत करने के लिए अचानक से हॉरर फिल्में देखना न शुरू करें। यह चीजों को और बदतर बना सकता है। अगर आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में धीरे-धीरे विकास कर रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप ऐसी फिल्में देखिए जो कि आपकी नजर में हॉरर हैं न कि ऐसी फिल्मों की लिस्ट उठा लीजिए जो सबसे ज्यादा डरावनी फिल्में मानी जाती हैं।

English summary
horror movies fan are doing better in coronavirus pandemic
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