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पश्चिम बंगाल में नेत्रहीन मुस्लिम दंपति को पीटा, लगवाए जय श्री राम के नारे

अबुल बशर ने बताया कि बर्द्धमान के अंदाल में कुछ लोगों ने मेरी टोपी छीन ली। उन लोगों ने कहा कि वो हमें मार देंगे, क्योंकि हम मुस्लिम हैं और हमने हिंदू-बहुल इलाके में कदम रखा है

By Vikashraj Tiwari
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में रामनवमी में हुए दंगों के दौरान नेत्रहीन गरीब मुस्लिम दंपति को पीटा गया था। इतना ही नहीं नेत्रहीन दंपति से 'जयश्रीराम', 'जय मां तारा' के नारे लगवाए गए और उनके हाथ में भगवा झंडा पकड़ा दिया गया। 67 साल के अबुल बशर ने कहा कि मेरी सिर्फ इतनी गलती है कि मैं मुस्लिम हूं और हिंदू-बहुल इलाके में चला गया था। मुस्लिम दंपति को जबरदस्ती जय श्री राम बुलवाने वाला ये वीडियो वायरल हो गया है।

'जय श्रीराम' और 'जय मां तारा' का नारा लगाने को मजबूर किया

'जय श्रीराम' और 'जय मां तारा' का नारा लगाने को मजबूर किया

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक पश्चिम बंगाल के वेस्ट बर्दवान जिले के अंदाल में अराजक तत्वों के एक समूह ने इस दंपति को 'जयश्रीराम' और 'जय मां तारा' का नारा लगाने को मजबूर किया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। अंदाल आसनसोल से 32 किमी दूर और रानीगंज से 18 किमी दूर है। नेत्रहीन अबुल बशर ने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि राज्य में सांप्रदायिक तनाव शुरू हो गया है। उसने कहा कि हम बर्द्धमान और बीरभूम समेत अलग-अलग जगह जाते रहते हैं।

'हम मुस्लिम हैं और हमने हिंदू-बहुल इलाके में कदम रखा है'

'हम मुस्लिम हैं और हमने हिंदू-बहुल इलाके में कदम रखा है'

अबुल बशर ने बताया कि बर्द्धमान के अंदाल में कुछ लोगों ने मेरी टोपी छीन ली। उन लोगों ने कहा कि वो हमें मार देंगे, क्योंकि हम मुस्लिम हैं और हमने हिंदू-बहुल इलाके में कदम रखा है। इसके बाद उन लोगों ने मुझे और मेरी पत्नी को पीटना शुरू कर दिया। मेरी पत्नी ने मेरी जान बख्शने की गुजारिश की और उनसे विनती की कि हमें छोड़ दें, हम दोबारा इस इलाके में कभी नहीं आएंगे लेकिन उन लोगों ने हमारी एक भी नहीं सुनी। हमने अपनी जान बचाने के लिए ये नारे लगाए, तब हमें किसी तरह छोड़ा गया।

आरोपी किसी हिंदू संगठन से जुड़े हैं या नहीं ये साफ नहीं हो पाया है

आरोपी किसी हिंदू संगठन से जुड़े हैं या नहीं ये साफ नहीं हो पाया है

हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पा रहा है कि आरोपी किसी हिंदू संगठन से जुड़े हैं या नहीं। बशर ने बताया कि उनके साथ ये घटना मंगलवार को हुई थी। उनके साथ ये हादसा रानीगंज और आसनसोल में हिंसा भड़कने के एक दिन पहले हुआ था। बशर ने कहा कि जब वो भीख मांगने बाहर निकला, तब उसे हिंसा के बारे में नहीं पता था। 67 साल के अब्दुल बशर और उनकी पत्नी 61 वर्षीय बेदना बीवी नेत्रहीन हैं और दोनों भीख मांगकर गुजारा करते हैं।

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English summary
Hindutva goons forced blind beggar couple to chant ‘Jai Shri Ram’
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