'हिंदू आतंकवाद' पर मचा कोहराम, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने बीजेपी पर बोला हमला
नई दिल्ली। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने आतंकी अजमल कसाब को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी कसाब को एक हिंदू के तौर पर पेश करना चाहती थी। उन्होंने अपनी किताब 'लेट मी से इट नाउ' में ये खुलासा किया है। इस पर अब राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता पीयूष गोयल ने सवाल खड़ा किया है कि कांग्रेस के शासनकाल में ये खुलासा क्यों नहीं किया गया। उन्होंने इसी बहाने कांग्रेस पर आरोप भी लगाया कि उसने भी तब हिंदू टेरर फैलाने का काम किया। अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा है कि 'हिंदू आतंक' शब्द गढ़ा जाने पर एक अलग पृष्ठभूमि थी। मक्का मस्जिद में विस्फोट हुआ था और प्रज्ञा ठाकुर, अन्य को तब गिरफ्तार किया गया था, उस दौरान इस शब्द का प्रयोग किया गया था। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आतंकवादी हमेशा छलावा करते हैं। वो अपनी वास्तविक पहचान के साथ हमलों को अंजाम नहीं देते हैं। यह यूपीए सरकार थी जिसने हमले के बारे में सब कुछ बताया। बाद में यूपीए शासन के दौरान अजमल कसाब को फांसी दे दी गई।
जेल में ही अजमल कसाम को समीर चौधरी बनाकर मार देने की कोशिशें
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मुंबई आतंकी हमले को 'हिंदू आतंकवाद' के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का ब्यौरा देते हुए मारिया ने लिखा, ''यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मर जाता और मीडिया हमले के लिए 'हिंदू आतंकवादियों' को दोषी ठहराती।'' उन्होंने दावा किया कि आतंकवादी संगठन ने आतंकवादियों को भारतीय पते के साथ फर्जी पहचान पत्र भी दिए थे। आतंकी हमले के बाद जारी की गई कसाब की एक तस्वीर के बारे में मारिया ने कहा, ''यह केंद्रीय एजैंसियों का काम था। तस्वीर में कसाब की दाहिनी कलाई पर लाल रंग का धागा बंधा हुआ था जिसे पवित्र हिंदू धागा माना जाता है।