घर के बाहर दंगाई मचा रहे थे आतंक, मुस्लिम पड़ोसियों ने की हिंदू लड़की की शादी में घर के बाहर पहरेदारी
नई दिल्ली। राजधानी के उत्तर-पूर्वी जिले के कई इलाकों में भड़की हिंसा में 39 लोगों की जान चली गई। सोमवार को भड़की हिंसा ने पूरे इलाके को अपनी चपेट ले लिया। हर तरफ आगजनी, पथराव तोड़फोड़, गोलीबारी... खून की प्यासी भीड़ सड़कों पर तांड़व कर रही थी, दुकानों को तोड़ा जा रहा था, घरों को आग के हवाले किया जा रहा था। वहीं, चांदबाग के मुस्लिम इलाके में एक हिंदू परिवार भी डरा-सहमा था। इस हिंदू परिवार में एक लड़की की शादी मंगलवार को होनी थी लेकिन बाहर सड़कों पर उन्मादी भीड़ तांड़व कर रही थी।
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शादी वाले दिन इलाके में दंगाई बवाल काट रहे थे
उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के इलाके में भड़की इस हिंसा में 250 से अधिक लोग घायल हैं। दो समुदायों के बीच शुरू हुआ ये विवाद कब सांप्रदायिक बन गया, किसी को पता ही नहीं चला। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की बहुत सी घटनाएं सामने आईं। लोगों के वाहनों, दुकानों और घरों को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया। देखते ही देखते पूरा इलाका धूं-धू कर जलने लगा था। वहीं, एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करती एक कहानी सामने आई।
मुस्लिम परिवार की मौजूदगी में हुई हिंदू लड़की की शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शादी के जोड़े में सजी सावित्री ने बताया कि वह अपने घर में रो रही थी क्योंकि शादी वाले दिन मंगलवार को बाहर हिंसा हो रही थी। उनका परिवार शादी को टालने की सोच रहा था लेकिन पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग मदद के लिए आगे और उनकी उपस्थिति में सावित्री की शादी हुई। सावित्री ने बताया कि उनके मुस्लिम भाई उनकी रक्षा कर रहे हैं। चांदबाग के एक छोटे से मकान में सावित्री की शादी की सारी रस्में पूरी हुईं। वहीं, कुछ ही दूरी पर पूरा इलाका हिंसा की आग में धधक रहा था। दोनों गुटों की तरफ से पथराव हो रहा था।
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पूरन ने बचाई मुस्लिम परिवार की जान
यमुना विहार इलाके में भी हिंदू-मुस्लिम एकता की ऐसी ही मिसाल देखने को मिली थी। सऊदी अरब में नौकरी करने वाले हाजी नूर मोहम्मद का परिवार दंगों के बीच फंस गया था। परिवार मदद के लिए उन्हें लगातार फोन कर रहा था, लेकिन हालात इतने खराब थे कि उनका कोई भी रिश्तेदार इलाके में जाकर परिवार को निकालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था। फिर उन्होंने अपने दोस्त पूरन चुघ को फोन किया, जिनसे उन्होंने मकान खरीदा था। चुघ ने फौरन अपनी कार निकाली और नूर मोहम्मद के घर पहुंच गए। चुघ ने नूर के परिवार के साथ-साथ किराए पर रहने वाले एक परिवार को भी वहां से निकाला और उनके रिश्तेदारों के घर सुरक्षित पहुंचाया।
दिल्ली पुलिस ने की है ये अपील
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और समर्थन में उतरे दो गुटों के बीच बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया, जिसके बाद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाके इस आग में जल उठे। इस हिंसा में बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। दिल्ली पुलिस ने हिंसा की इन घटनाओं में अबतक 48 एफआईआर दर्ज की है। साथ ही दिल्ली पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे हिंसा से जुड़े वीडियो फुटेज साझा करें और अपना बयान दर्ज कराएं।