निर्मला सीतारमण के राहत पैकेज की आखिरी किस्त, जानिए आज की 7 महत्वपूर्ण बातें
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के चलते देश 25 मार्च से देश में लॉकडाउन है, जिसकी वजह से देश बड़ी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। करोड़ो गरीब और प्रवासी मजदूर सड़क पर हैं और उनके पास खाने और पैसे का अकाल है। देश के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। जिसके बाद पिछले पांच दिनों से लगातार वित्त मंत्री हर रोज इस आर्थिक पैकेज के अलग-अलग पहलुओं का ऐलान कर रही हैं। आज आखिरी चरण में आर्थिक पैकेज के आखिरी चरण का ऐलान किया गया।
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आज हुए आर्थिक पैकेज के 7 बड़े ऐलान
1- मनरेगा, प्रवासी मजदूर
मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट का ऐलान किया गया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अप्रवासी मजदूर जो गांव पहुंचे उन्हें काम की कमी ना हो और उन्हें रोजगार मिल सके। कुल मिलाकर मनरेगा मजदूरों के लिए 61 हजार करोड़ रुपए का बजट।
2- स्वास्थ्य-शिक्षा
हर ब्लॉक स्तर पर पब्लिक हेल्थ लैब बनाइ जाएगी, किसी भी तरह की महामारी से निपटने के लिए इसका निर्माण किया जाएगा। इसमे सरकारी और प्राइवेट दोनों ही लैब होगी। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधारभूत ढांचा खड़ा करने के लिए यह फैसला लिया गया है। सरकारी व्यय को स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ाया जाएगा। एकीकृत हेल्थ लैब सभी ब्लॉक स्तर पर और जिलों में बनाया जाएगा। कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के लिए एक चैनल शुरू किया जाएगा। यह ऑनलाइन वन नेशन वन डिजिटल प्लेटफॉर्म के तहत चलाई जाेगी, इसके लिए दीक्षा प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जाएगी। 100 यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन क्लास चलाने की इजाजत दी गई है।
3- उद्योग
कोविड-19 के चलते जो उद्योग प्रभावित हुए हैं, उन्हें डिफॉल्टर की लिस्ट में नहीं डाला जाएगा। एमएसएमई पर दिवालिएपन की सीमा को बढ़ाया गया है और अब इसे 1 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ कर दिया गया है, एक वर्ष तक कंपनियों को दिवालिया घोषित करने पर रोक।
4- कंपनीज एक्ट में राहत
7 कंपाउंडेबल अपराध को को घटाकर 5 कर दिया गया है ताकि कंपनियों से हुई चूक को अपराध नहीं माना जाए। छोटी चूक को अब कंपाउंडेबल अपराध को अब अपराध नहीं माना जाएगा। इससे एनसीएलटी और क्रिमिनल कोर्ट पर दबाव कम होगा।
5- आत्मनिर्भर भारत
सभी सेक्टर को प्राइवेट किए जाने का रास्ता खोला जाएगा, जिसमे पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेस को अपने क्षेत्र के दायरे को फिर से परिभाषित करने की इजाजत होगी। किन PSE's को पब्लिक सेक्टर में ही रहना होगा इसकी लिस्ट जारी की जाएगी। स्ट्रैटेजि सेक्टर के पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइज के कम से कम एक सेक्टर को पब्लिक सेक्टर में ही रहना होगा। अन्य सेक्टर को प्राइवेटाइज करने की इजाजत होगी। बाजार को देखते हुए उन्हें इसकी इजाजत दी जाएगी। इन्हें प्राइवेटाइज करने, विलय करने की इजाजत दी जाएगी।
6-
बिजनेस
को
आसान
किया
जाएगा
भारतीय
कंपनियों
को
विदेशी
बाजार
में
लिस्ट
करने
की
इजाजत
होगी।
प्राइवेट
कंपनी
एनसीडी
में
लिस्ट
करने
की
इजाजत
होगी
लेकिन
उन्हें
लिस्टेड
कंपनी
नहीं
माना
जाएगा।
7- राज्यों की मदद जारी रहेगी
कोरोना
संकट
में
राज्य
सरकार
जो
उधार
ले
रहे
हैं
उसे
खास
सुधार
से
जोड़ा
जाएगा,
उसे
रोजगार
सृजन
के
लिए
स्वास्थ्य,
शहरी
और
ग्रामीण
क्षेत्र
में
निवेश
से
जोड़ा
जाएगा।
प्रदेश
सरकार
को
अधिक
कर्ज
लेने
की
अनुमति,
2020-2021
के
लिए
इसे
3
फीसदी
से
बढ़ाकर
5
फीसदी
किया
गया।
जिन
राज्यों
का
राजस्व
बहुत
कम
हुआ
है
उन्हें
राहत
दी
गई
है।
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