राहुल और सोनिया गांधी के पास है ये तीन कानूनी विकल्प
नई दिल्ली। कांग्रेस के गांधी परिवार के लिए आज काफी मुश्किल भरा दिन है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अध्यक्ष सोनिया गांधी आज दिल्ली की पटियाला कोर्ट में नेशनल हेराल्ड केस में पेश होंगे। दोनों नेताओं के पास यूं तो कई विकल्प मौजूद हैं लेकिन सियासी ड्रामे के भी कयास लगाये जा रहे हैं। इस मामले में ना सिर्फ सोनिया, राहुल बल्कि काग्रेस के कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नॉडीज, पत्रकार सुमन दुबे और सैम पित्रोदा को भी कोर्ट ने सम्मन भेजा है।
नेशनल हेराल्ड पर क्या है विवाद, क्यों फंसे हैं सोनिया-राहुल
ऐसे में राहुल और सोनिया के पास तीन अहम वैधानिक विकल्प मौजूद हैं।
पहला विकल्प
क्रिमिनल प्रोसीजर कोड के तहत दोनों नेता बेल के लिए आवेदन दे सकते हैं। कानूनी जानकारों की मानें तो ऐसे मामले में जमानत मिल जाती है। ऐसे में दोनों नेताओं को बेल बॉड भरना होगा। दोनों नेताओं को एक एफीडेविट पर हस्ताक्षर करना होगा जिसमें यह लिखा होगा कि दोनों नेता कोर्ट में आगे की तारीखों पर पेश होंगे। इसके अलावा दो रिश्तेदारों और मित्रों से भी बॉड भरने को भी कहा जा सकता है।
दूसरा विकल्प
कोर्ट दोनों नेताओं की जमानत याचिका को खारिज कर सकती है लेकिन इसके लिए कोर्ट को मजूबत कारण देना होगा। अगर कोर्ट को ऐसा लगता है कि आरोपी मामले के तथ्यों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं तो जमानत याचिका को खारिज किया जा सकता है। ऐेसे में अगर कोर्ट ने जमानत याचिका को खारिज किया तो दोनों को जेल जाना होगा और उन्हें पुलिस की कस्टडी नहीं दी जाएगी क्योंकि यह मामला पुलिस से जुड़ा हुआ नहीं है।
तीसरा विकल्प
अगर कोर्ट में पेशी के बाद दोनों नेता जमानत पर रिहा हो जाते हैं तो कोर्ट सुब्रह्मण्यम स्वामी को नोटिस जारी करके दोनों नेताओं के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश करने को कहेगी।