स्वास्थ्य सचिव का दावा- कोवैक्सीन और कोविडशील्ड कोरोनावायरस के डेल्टा वेरियंट के खिलाफ प्रभावी है
नई दिल्ली, 22 जून। कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट ने भारत समेत अन्य देशों की चिंता बढ़ा दी है। ये म्यूटेट होकर डेल्टा प्लस या AY.1 में बदल चुका है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भारतीयों को लगाई कोरोना वैक्सीन डेल्टा वेरियंट से बचाने में कारगर होगीं कि नहीं? भारत के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कोवैक्सिन और कोविशील्ड कोरोनावायरस के डेल्टा संस्करण के खिलाफ प्रभावी हैं।
मंगलवार को ये बात एक प्रेस कान्फ्रेंस में कही। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोवैक्सिन और कोविशील्ड दोनों ही कोरोनावायरस के अत्यधिक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी हैं। किसी भी प्रकार को 'variant of interest' और 'variant of concern' के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो इसकी transmissibility और virulence के आधार पर होता है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए राजेश भूषण ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट भारत सहित 80 देशों में मिला है। स्वास्थ्य सचिव ने आगे कहा कि डेल्टा प्लस वैरियंट नौ देशों - यूएसए, यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन, रूस और भारत में पाया गया है। राजेश भूषण ने कहा, "भारत में अब तक डेल्टा प्लस वैरियंट के कुल 22 मामले दर्ज किए गए हैं। इस वैरियंट को अभी के लिए रुचि के एक संस्करण के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह अभी तक चिंता का विषय नहीं है।
स्वास्थ्य सचिव ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 22 में से 16 मामले महाराष्ट्र के जलगांव और रत्नागिरी जिलों में दर्ज किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के बाकी मामले केरल और मध्य प्रदेश से सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल को पत्र लिखकर डेल्टा प्लस प्रकार के संक्रमण के मामलों की बारीकी से निगरानी करने को कहा है। इंसाकोग कंसोर्टियम का हिस्सा अब 28 प्रयोगशालाएं हैं। इन प्रयोगशालाओं में कुल 45,000 नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया गया है।