सेना प्रमुख ने HRD को लिखी चिट्ठी, कहा-बच्चों को पढ़ाई जाए शहीदों की वार गाथाएं और वीरता पुरस्कार पाने वाले
नई दिल्ली। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि देश के बच्चों को शहीदों की वीरगाथाओं के बारे में पढ़ाया जाए। उन्हें वीरता पुरस्कारों के बारे में बताया है। इसके लिए उनके किताबों में शहीदों की कहानियां और देश के बड़े वीरता पुरस्कारों को शामिल किया जाए। सेना प्रमुख ने इसके लिए मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने मानव संसाधन के अपील की है कि देश के वीरों की वीरता के बारे में देश के बच्चों को पता चलना चाहिए। ताकि वो उनके त्याग और उनके बलिदान से प्रेरित हो सके।
पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि सेना चाहती है कि वीरता पुरस्कारों और उन्हें हासिल करने वाले जाबांज सैनिकों के बारे में कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी पढ़ाया जाए। ताकि हमारे युवा प्रेरित हो सके। उन्होंने कहा कि हमने इस साल मानव संसाधन मंत्रालय से इसे लेकर संपर्क किया है कि इस साल जिन वीर जवानों को महत्वपूर्ण वीरता पुरस्कार मिले हैं उसके बारके में स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि वो चाहते हैं कि वीरों की वीरता की कहानियों को CBSE के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।
उन्होंने कहा कि सेना ने वीरता पुरस्कार पाने वाले तमाम वीरों की वीरगाथा, उनका बायोडाटा, उनकी वीरता, उनका रिकॉर्ड एक जगह संग्रहित कर किताब के तौर पर छापा है। इस किताब को सेना कॉलेजों और स्कूलों तक पहुंचा रही है ताकि उसे बच्चों के बीच पहुंचाया जा सके। अब तक 200 कॉलेजों और यूनिवर्सिटी तक ये किताब पहुंच चुकी है। अब सेना का उद्देश्य है कि हर साल इस तरह की किताब को देश के हर कॉलेज और हर यूनिवर्सिटी तक पहुंचाया जा सके। ताकि ज्यादा से ज्यादा युवा सेना के इन वीर जवानों के बलिदानों से प्ररित हो सके।