वीर दास की कविता से क्या भारत का विदेशों में अपमान हुआ है?
स्टैंडअप कॉमेडियन वीर दास ने वॉशिंगटन डीसी के जॉन एफ़ कैनेडी सेंटर में एक मोनोलॉग पढ़ा था. इसका शीर्षक है- 'आई कम फ्रॉम टू इंडियाज़' यानी मैं दो भारत से आता हूँ. इसे लेकर ही हंगामा खड़ा हो गया है.
कॉमेडियन वीर दास के एक वीडियो की सोशल मीडिया पर ख़ूब चर्चा हो रही है. इस वीडियों के समर्थन और विरोध में लोग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
वीरदास ने सोमवार को अपने यूट्यूब चैनल पर एक 6 मिनट का वीडियो शेयर किया. ये वीडियो वॉशिंगटन डीसी के जॉन एफ़ कैनेडी सेंटर में हुए उनके एक शो का है. इस वीडियो में वीर दास ने एक मोनोलॉग पढ़ा, जिसका शीर्षक है - 'आई कम फ्रॉम टू इंडियाज़' यानी मैं दो भारत से आता हूँ.
वीडियो में उन्होंने भारत के विरोधाभासों को रखा है.
इस वीडियो के सामने आते ही महज़ चंद घंटों में ये सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसे लेकर आने वाली प्रतिक्रियाएं दो धड़ों में बँट गई हैं.
कई लोग ये बातें खुल कर कहने के लिए वीर दास की तारीफ़ कर रहे हैं तो कई लोग उन पर भारत की छवि वैश्विक स्तर पर ख़राब करने का आरोप लगाते हुए उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं.
आशुतोष दुबे नाम के एक शख़्स ने वीरदास के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस को एक लिखित शिकायत दी है. इसमें उन्होंने कहा है कि वीरदास ने भारत के ख़िलाफ़ अभद्र दिप्पणी की है. उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं, जिससे प्रतीत होता है कि भारत का लोकतंत्र ख़तरे में हैं जो कि एक निराधार आरोप है.
वीडियो में क्या है जिसे लेकर हो रहा है विवाद
शीर्षक है- 'मैं दो भारत से आता हूँ'
मैं एक उस भारत से आता हूँ, जहाँ बच्चे एक दूसरे का हाथ भी मास्क पहन कर पकड़ते हैं, लेकिन नेता बिना मास्क एक-दूसरे को गले लगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ एक्यूआई 9000 है लेकिन हम फ़िर भी अपनी छतों पर लेटकर रात में तारे देखते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम दिन में औरतों की पूजा करते हैं और रात में उनका गैंगरेप हो जाता है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम ट्विटर पर बॉलीवुड को लेकर बँट जाते हैं, लेकिन थियेटर के अंधेरों में बॉलीवुड के कारण एक होते हैं.
मैं एक ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ पत्रकारिता ख़त्म हो चुकी है, मर्द पत्रकार एक दूसरे की वाहवाही कर रहे हैं
और महिला पत्रकार सड़कों पर लैपटॉप लिए बैठी हैं, सच्चाई बता रही हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हमारी हँसी की खिलखिलाहट हमारे घर की दीवारों के बाहर तक आप सुन सकते हैं
और मैं उस भारत से भी आता हूँ, जहाँ कॉमेडी क्लब की दीवारें तोड़ दी जाती हैं, जब उसके अंदर से हंसी की आवाज़ आती है.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ बड़ी आबादी 30 साल से कम उम्र की है लेकिन हम 75 साल के नेताओं के 150 साल पुराने आइडिया सुनना बंद नहीं करते.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ हमें पीएम से जुड़ी हर सूचना दी जाती है लेकिन हमें पीएमकेयर्स की कोई सूचना नहीं मिलती.
मैं ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ औरतें साड़ी और स्नीकर पहनती हैं और इसके बाद भी उन्हें एक बुज़ुर्ग से सलाह लेनी पड़ती है, जिसने जीवन भर साड़ी नहीं पहनी.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ हम शाकाहारी होने में गर्व महसूस करते हैं लेकिन उन्हीं किसानों को कुचल देते हैं, जो ये सब्ज़ियां उगाते हैं.
मैं उस भारत से आता हूँ, जहाँ सैनिकों को हम पूरा समर्थन देते हैं तब तक, जब तक उनकी पेंशन पर बात ना की जाए.
मैं उस भारत से आता हूँ, जो चुप नहीं बैठेगा
मैं उस भारत से आता हूँ, जो बोलेगा भी नहीं
मैं उस भारत से आता हूँ जो मुझे हमारी बुराइयों पर बात करने के लिए कोसेगा
मैं उस भारत से आता हूँ, जो लोग अपनी कमियों पर खुल कर बात करते हैं
मैं उस भारत से आता हूँ, जो ये देखेगा और कहेगा 'ये कॉमेडी नहीं है.. जोक कहाँ है?' और मैं उस भारत से भी आता हूँ,
जो ये देखेगा और जानेगा कि ये जोक ही है. बस मज़ाकिया नहीं है.
मेरी जाँच और अमेरिकी मार्शल सर्विस ने दशकों पुराने इस केस को सुलझा लिया है.''
दो धड़ों में बँटे लोग
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने वीर दास का समर्थन करते हुए लिखा है, ''वीर दास इसमें कोई शक नहीं है कि दो भारत है. हम नहीं चाहते हैं कि एक भारतीय दुनिया को इस बारे में बताए. हम असहिष्णु और पाखंडी हैं.''
https://twitter.com/KapilSibal/status/1460819671662301184
कांग्रेस नेता और तिरूवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर ने ट्विट किया, ''एक स्टैंडअप कॉमेडियन जिसे सही मायने में 'स्टैंड-अप' होने का मतलब पता है, शारीरिक नहीं बल्कि नैतिकता के आधार पर खड़े होने का अर्थ जानता है. वीर दास ने लाखों लोगों की तरफ़ से बोला है. अपने 6 मिनट के वीडियो में उन्होंने दो तरह के भारत की बात कि है और बताया है कि वह किस भारत के लिए खड़े हैं. ये जोक तो है लेकिन मज़ाकिया बिल्कुल नहीं है.''
https://twitter.com/ShashiTharoor/status/1460661164002582534
इस वीडियों की एक पंक्ति को लिखते हुए पत्रकार बरखा दत्त ने वीर दास को शुक्रिया कहा है.
https://twitter.com/BDUTT/status/1460669439305785353
स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव लिखते हैं, ''जरूर सुनें, वीर दास बता रहे हैं, उन दो भारत के बारे में जहाँ के वह रहने वाले हैं, दुख की बात है कि हम एक ऐसे मुकाम पर पहुँच गए हैं, जहाँ जैसा है, वैसा कहना भी साहस का काम बन चुका है.''
https://twitter.com/_yogendrayadav/status/1460578541280497669?s=24
पत्रकार वीर सांघवी लिखते हैं, ''बहादुर, दृष्टिकोण रखने वाले और प्रतिभाशाली वीर दास के साथ एकजुटता दिखाते हुए मैं इस लिंक को शेयर कर रहा हूँ.''
https://twitter.com/virsanghvi/status/1460595383638249477
बीजेपी नेता प्रीति गांधी लिखती हैं, ''वीर दास ऐसे आप भारत से आते हैं, जहाँ आप अपने ही देश का अपमान करके अपनी जीविका चला रहे हैं. आप एक ऐसे भारत से आते हैं, जो आपकी घिनौनी, अपमानजनक बकवास को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में पेश करने की अनुमति देता है. आप एक ऐसे भारत से आते हैं, जिसने आपकी झूठी निंदा को लंबे समय तक सहन किया है.''
रोज़ी नाम की एक यूज़र लिखती हैं, ''ये कॉमेडी है? अमेरिका के कैनेडी सेंटर में वीर दास कह रहा हैं- 'मैं एक ऐसे भारत से आता हूँ, जहाँ हम दिन में महिलाओं की पूजा करते हैं और रात में गैंगरेप हो जाता है. हो सकता है कि वह ऐसा कर रहे हों लेकिन उन्हें भारत का इस तरह सामान्यीकरण करने और ये लेबल करने का हक़ किसने दिया है?''
वीरदास ने का बयान
विवादों के बीच वीरदास ने ट्विटर पर बयान जारी करते हुए कहा है, ''मैंने एक वीडियो यूट्यूब पर शेयर किया है, उस पर ख़ूब प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. ये वीडियो भारत के दोहरेपन को लेकर है, दो पक्ष जो एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं, जैसा कि हर देश का एक अच्छा और बुरा पक्ष होता है और ये बात रहस्य नहीं है.''
''वीडियो हमसे अपील करता है कि हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि हम महान हैं और इस बात पर कभी फ़ोकस करना बंद ना करें कि हमें क्या चीज़ महान बनाती है. वीडियो के अंत देशप्रेम से ओत-प्रोत तालियों की तेज़ गड़गड़ाहट होती है, ये ताली उस देश के लिए है, जिसे हम सब प्यार करते हैं, जिसमें हमारा विश्वास है और जिस पर हमें गर्व है.''
https://twitter.com/thevirdas/status/1460560310465699847?s=24
''इस वीडियो का मक़सद ये बताना है कि हेडलाइन के अलग हमारा देश बहुत कुछ है, इसकी गहराई और ख़ूबसूरती- इसीलिए लोगों ने तालियां बजाईं.''
''इस वीडियो के छोटे से हिस्से से आपको बरगलाया जा रहा है, ऐसा मत होने दीजिए. लोगों ने भारत के लिए चियर किया और वो नफ़रत नहीं प्यार से भरी आवाज़ें थीं. लोगों ने सम्मान के साथ भारत के लिए तालियां बजाई ना कि द्वेष से.''
''आप नकारात्मकता के साथ शाबाशी नहीं हीं पा सकते, आपके टिकट नहीं बिक सकते. ये तभी हो सकता है, जब आपको ख़ुद पर गर्व हो. मुझे मेरे देश पर गर्व है और मैं ये गर्व अपने साथ लेकर चलता हूँ. लोगों से खचाखच भरे कमरे में अगर लोग भारत के सम्मान में खड़े होते हैं तो मेरे लिए ये पवित्र प्यार की तरह है.''
''मैं आपसे भी वही कह रहा हूँ जो उन दर्शकों से कहा था- हमें रोशनी पर फ़ोकस करना है, हम क्यों महान हैं ये याद रखना है और लोगों में प्यार बाँटना है.''
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