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CCTV फुटेज में खुलासा, मुस्लिम युवक की ना टोपी फेंकी गई और ना कुर्ता फाड़ा गया

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नई दिल्ली। हरियाणा के गुरुग्राम में सदर बाजार स्थित जामा मस्जिद के पास कथित तौर पर एक मुस्लिम युवक की टोपी फेंकने और उससे जबरन 'जय श्रीराम' बुलवाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले को लेकर सोमवार को जमकर सियासत हुई थी। बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की तो उनपर भी निशाना साधा जाने लगा। गुरुग्राम पुलिस ने अब मुस्लिम युवक की पिटाई के मामले में बड़ा खुलासा किया है।

ना टोपी फेंकी गई और ना ही कुर्ता किसी ने फाड़ा

ना टोपी फेंकी गई और ना ही कुर्ता किसी ने फाड़ा

पुलिस की जांच में पाया गया है कि मुस्लिम युवक मोहम्मद बरकत अली के साथ मारपीट ज़रूर हुई थी, लेकिन ना तो उसकी टोपी फेंकी गई और ना ही उसका कुर्ता किसी ने फाड़ा था। इसके पहले, मुस्लिम युवक ने बताया था कि जब वह नमाज पढ़कर आ रहा था तो रास्ते में कुछ लोगों ने उसकी परंपरागत टोपी उतार दी और तमाचा जड़ दिया था। युवक के इस आरोप के बाद सोमवार को जमकर सियासत होती रही।

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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुआ खुलासा

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हुआ खुलासा

पुलिस की प्रारंभिक जांच में सीसीटीवी फुटेज देखने पर मालूम हुआ है कि युवक का टोपी फेंकने और कुर्ता फाड़ने का आरोप सही नहीं है। सीसीटीवी के मुताबिक, मुस्लिम युवक को आरोपी ने नहीं, बल्कि एक अन्य युवक ने रोका था। सीसीटीवी फुटेज में ना तो युवक की टोपी फेंकी गई और ना ही उसके कपड़े फाड़ने की कोई घटना दिखाई दी।

पुलिस ने बताया मारपीट की मामूली घटना

पुलिस ने बताया मारपीट की मामूली घटना

पुलिस ने बताया कि कहासुनी के बाद दोनों में हाथापाई हुई थी और इस दौरान मुस्लिम युवक की टोपी गिर गई थी। युवक ने खुद ही टोपी को उठाकर जेब में रख लिया था। उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया। हालांकि, सीसीटीवी में दिख रहा है कि मुस्लिम युवक के हाथ पर आरोपी डंडा मार रहा है। इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 24 घंटे के अंदर कम से कम 50 सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में देखा जा सकता है कि मारपीट के बाद मामला शांत हो गया था। झगड़ा होते देख एक और शख्स नजदीक पहुंचता है और दोनों को अलग करता है।

पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है

पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया है

पुलिस ने इस मामले को मारपीट की मामूली घटना बताते हुए कहा कि कुछ असामाजिक तत्व छोटी सी मारपीट की घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं, जबकी ये शराब के नशे में हुई मारपीट की मामूली घटना है। पुलिस ने फुटेज को लैब भेज दिया है ताकि आरोपी की पहचान हो सके। पुलिस ने इस मामले में 15 लोगों को हिरासत में लिया है। बता दें कि मुस्लिम युवक के आरोपों के बाद इसपर काफी बवाल मचा था। नवनिर्वाचित सांसद गौतम गंभीर ने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिसके बाद वे भी कुछ बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गए थे।

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मुस्लिम युवक ने कहा था- पारंपरिक टोपी पहनने की वजह से मारपीट की

मुस्लिम युवक ने अपनी शिकायत में कहा था कि चार अज्ञात लोगों ने उसके साथ पारंपरिक टोपी पहनने की वजह से मारपीट की और उसे धमकी दी। उसने यह भी आरोप लगाया था कि इन लोगों ने उससे भारत माता की जय नारा लगाने को भी कहा। आलम ने बताया था जैसा उन लोगों ने कहा वैसा ही किया, भारत माता की जय के नारे भी लगाए, फिर इन लोगों ने जय श्री राम का उद्घोष करने को कहा लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसी दौरान एक युवक ने सड़क पर पड़ी एक लाठी उठाई और उसे पीटना शुरू कर दिया।

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English summary
gurugram assault case: no sign of skull cap removing, reveals cctv footage
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