गुजरात में मतदान संपन्न, ये 22 फैक्टर तय करेंगे किसकी बनेगी सरकार?
गुजरात में मतदान संपन्न, ये 22 फैक्टर तय करेंगे किसकी बनेगी सरकार?
नई दिल्ली। गुजरात में दूसरे और आखिरी चरण का मतदान गुरुवार शाम 5 बजे खत्म हो गया। 9 दिसंबर को पहले चरण में 89 तो 14 दिसंबर को दूसरे में 93 सीटों के लिए मतदान हुआ। अब सभी को 18 दिसंबर का इंतजार है, जब परिणाम घोषित किए जाएंगे। हालांकि, विभिन्न चैनल एग्जिट पोल के माध्यम से जीत और हार का अपने-अपने तरीके से विश्लेषण कर रहे हैं, लेकिन भारत में सर्वे का इतिहास भरोसेमंद नहीं रहा है। ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे FACTS, जो तय करेंगे जीत और हार।
1-गुजरात में करीब 15 फीसदी आबादी पटेलों की और इतने ही आदिवासी हैं
2-मतलब पटेल/पाटीदार और आदिवासी का वोट जिसे एक साथ मिल जाएगा, वो जीत का परचम लहरा सकता है
3-गुजरात में मुख्यत: दो तरह के पाटीदार हैं। एक- लेउआ पटेल और दूसरे कड़वा पटेल।
4-लेउआ पटेल को भगवान राम के पुत्र लव और कड़वा पटेल को कुश का वंशज कहा जाता है
5-लेउआ पटेलों का असर सौराष्ट्र और मध्य गुजरात में है
6-कड़वा पटेल का प्रभाव उत्तरी गुजरात में
7-1985 में पाटीदारों ने आरक्षण को लेकर आंदोलन किया था, लेकिन उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने विरोध को दबा दिया था।
8-आंदोलन के दौरान गुजरात में जमकर हिंसा हुई थी, जिसमें निशाने पर पाटीदार ही थे, उस वक्त से पाटीदार कांग्रेस से छिटक गए थे और बाद में बीजेपी ने पाटीदारों को केंद्र में रखकर नया वोट बैंक तैयार किया था।
9-गुजरात की 182 में से 80 सीटों पर पटेलों का असर है।
10-गुजरात में मौजूदा 182 विधायकों में से 42 विधायक पाटीदार हैं।
11-2017 के चुनाव में बीजेपी ने 52 तो कांग्रेस ने 47 पाटीदारों को मैदान में उतारा है।
12-33 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के पाटीदार उम्मीदवार आमने-सामने हैं।
13-गुजरात में मौजूदा 24 में से 8 मंत्री पाटीदार हैं।
14-गुजरात में आदिवासियों की आबादी करीब 90 लाख।
15-गुजरात में कुल 27 सीटें एसटी के लिए रिजर्व हैं।
16-दूसरे चरण में 13 रिजर्व सीटों पर मतदान हुआ।
17-2012 में दूसरे चरण की 13 रिजर्व सीटों में कांग्रेस ने 10 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी।
18-आखिरी चरण की 93 सीटों में 19 सीटें ऐसी हैं, जहां पाटीदारों की जनसंख्या 20 फीसदी या उससे अधिक है। बीजेपी ने जहां 23 पाटीदार उम्मीदवार खड़े किए हैं, जबकि कांग्रेस ने 22 पाटीदारों को टिकट दिया है। बीजेपी ने पिछली बार इन 19 सीटों में से 13 पर कब्जा जमाया था।
19-गुजरात में पाटीदारों और आदिवासियों के अलावा ठाकोर वोट भी काफी अहम है। ओबीसी जातियों को एक मंच पर लाने की कोशिश में जुटे अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
20- कांग्रेस ने 16 ठाकोर उम्मीदवारों को टिकट दिए हैं। वहीं, बीजेपी ने केवल 8 ठाकोर नेताओं को मैदान में उतारा है।
21- आखिरी चरण की 93 सीटों में से अहमदाबाद, वडोदरा और गांधीनगर नगरपालिका क्षेत्र में 23 सीटें आती हैं। इनमें से 21 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
22-दूसरे और अंतिम चरण में सबसे अहम उत्तरी गुजरात है। यहां 32 विधानसभा सीटें हैं। 2012 में कांग्रेस ने 32 में से 17 सीटें जीती थीं।
लालकृष्ण आडवाणी ने डाला वोट, यूजर्स बोले- कांग्रेस को मत डाल देना दद्दू