भारत ने 50% लोगों को किया वैक्सीनेटेड, लेकिन तीसरी लहर का खतरा बरकरार: IMF
नई दिल्ली, अक्टूबर 13: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि 50 फीसदी आबादी का टीकाकरण होने के बाद भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। विशेष रूप से तब जब कई देश 40 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे हैं। लेकिन गीता गोपीनाथ ने कहा कि, चिंता तीसरी लहर के बारे में बनी हुई है और देश को "मुद्रास्फीति पर नजर रखने" की जरूरत है।
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एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, गीता गोपीनाथ ने कहा कि, इस साल के अंत तक हर देश की 40 फीसदी आबादी का टीकाकरण कराने का लक्ष्य रखा था। लेकिन बहुत से देशों इसे हासिल नहीं किया है। यह एक चिंता का कारण है। उन्हें इस पर ध्यान देना चाहिए। भारत ने अब तक लगभग 96.7 करोड़ टीके की खुराक दी है और अगले सप्ताह एक अरब या 100 करोड़ के लैंडमार्क को पार करने की उम्मीद है।
सूत्रों ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय सोमवार या मंगलवार को इस आंकड़े को छू सकता है। सूत्रों ने कहा कि लगभग 73 प्रतिशत वयस्कों ने कम से कम एक खुराक प्राप्त की है, और लगभग 30 प्रतिशत को दोनों खुराक दी गई हैं। गोपीनाथ ने कहा कि, इतनी बड़ी आबादी के साथ, भारत पहले से ही 50 प्रतिशत लोगों को टीका लगा चुका है जो उसे आत्मविश्वास देता है। लेकिन तीसरी लहर होने का जोखिम बना रहेगा।
इससे पहले मंगलवार को उन्होंने कहा कि, भारत अपने लोगों के टीकाकरण के मामले में अच्छा कर रहा है और निश्चित रूप से इससे अर्थव्यवस्था को मदद मिल रही है। हमने भारत के लिए इस साल के अपने वृद्धि पूर्वानुमान में कोई बदलाव नहीं किया है। मेरा मतलब है कि भारत एक बेहद कठिन दूसरी लहर से बाहर आया और जुलाई में एक बड़ी गिरावट आई, लेकिन हमारे पुर्वानुमान में अभी तक कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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गोपीनाथ ने कहा कि वित्तीय बाजार के संबंध में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रही है। आईएमएफ द्वारा जारी ताजा अनुमानों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था के वर्ष 2021 में 9.5 प्रतिशत और 2022 में 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई थी।