पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, BBC फिल्म का किया था विरोध
पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा। अनिल एंटनी ने अपना इस्तीफा शेयर किया है।
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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी के बेटे अनिल के एंटनी ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने ट्विटर पर अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए ट्वीट किया है। ट्वीट करके अनिल एंटनी ने लिखा, मैंने कांग्रेस और केरल कांग्रेस में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जो लोग अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं, वो मेरे एक ट्वीट को लेकर असहिष्णु हो गए हैं। मैंने अपनी फेसबुक वॉल पर नफरत और गाली-गलौज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और प्यार को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
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अनिल एंटनी ने अपना इस्तीफा शेयर किया है। जिसमे उन्होंने लिखा, कल जो घटना हुई, मुझे लगता है कि मेरे लिए यही सही होगा कि मैं कांग्रेस में अपने पद से इस्तीफा दे दूं। मैं केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी डिजिटल मीडिया के संयोजक और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया नेशनल को-ऑर्डिनेटर और डिजिटल कम्युनिकेशन सेल से इस्तीफा देता हूं। कृपया मेरा इस्तीफा स्वीकार करें। मैं हर किसी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।
अनिल एंटनी ने कहा कि पिछले 24 घंटे में बहुत कुछ हुआ है, खासकर कि कांग्रेस के कुछ लोगों ने मुझे बहुत तकलीफ पहुंचाई है। मेरे ट्वीट के बाद मुझे धमकी भरे कॉल आ रहे थे, मुझे पूरी रात नफरत भरे मैसेज आ रहे थे। मैं जहां से आता हूं, मुझे नहीं लगता है कि इन लोगों के लिए मुझे काम करना चाहिए। यह बहुत ही निराशाजनक है कि चीजें कहां पहुंच गई हैं।
अनिल एंटनी ने अपने पत्र में कांग्रेस नेता शशि थरूर का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि मैं शशि थरूर के साथ तमाम पार्टी के कार्यकर्ताओं का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने तहे दिल से मेरा समर्थन किया और मेरा मार्गदर्शन किया। मुझे पूरा भरोसा है कि मैं अपनी क्षमताओं से पार्टी को कई तरीकों से अपना योगदान दे सकता था। लेकिन अब मैं समझ गया हूं कि आप और आपके साथी, चापलूसों की मंडली, सिर्फ चापलूसों के साथ काम करना चाहती है। लेकिन मैं इस तरह की चीजों को कतई समर्थन नहीं करता हूं। मैं अपने बाकी के काम बिना नकारात्मकता के साथ जारी रखना चाहता हूं, इस नकारात्मकता से मैं दूर रहना चाहता हूं, कई लोग तो ऐसे हैं जो भारत के हित को भी भूल चुके हैं। मुझे लगता है कि आने वाले समय में यह सब इतिहास के कूड़ेदान में जाएगा।