पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण का निधन, 97 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस, पीएम मोदी ने जताया शोक
एडवोकेट शांति भूषण ने अपने दिल्ली स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। वे मोरारजी देसाई सरकार में कानून मंत्री के रुप में कार्य कर चुके हैं।
Shanti Bhushan passes away: पूर्व कानून मंत्री व वरिष्ठ अधिवक्त शांति भूषण का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे 97 वर्ष के थे। पिछले कुछ दिनों से शांति भूषण का स्वास्थ्य ठीक नहीं था। वे काफी बीमार चल रहे थे।
पीएम
ने
जताया
शोक
पूर्व
कानून
मंत्री
के
निधन
पर
राजनीति
क्षेत्र
से
जुड़ी
हस्तियां
शोक
व्यक्त
कर
रही
हैं।
पीएम
नरेंद्र
मोदी
ने
पूर्व
कानून
मंत्री
और
वरिष्ठ
अधिवक्ता
शांति
भूषण
के
निधन
पर
शोक
व्यक्त
करते
हुए
अपने
ट्वीट
में
लिखा,
"उन्हें
कानूनी
क्षेत्र
में
उनके
योगदान
और
वंचितों
के
लिए
बोलने
के
जुनून
के
लिए
याद
किया
जाएगा।
उनके
निधन
से
दुखी
हूं।"
पूर्व कानून मंत्री व सीनियर एडवोकेट शांति भूषण की 2018 में सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका भी चर्चा में रही। जिसमें 'मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम में बदलाव की मांग की गई थी। ये याचिका सीनियर एडवोकेट ने अपने बेटे एडवोकेट प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर कराई थी। एडवोकेट शांति भूषण ने अदालत में मामलों को रोस्टर के तहत किसी पीठ के पास भेजने का नियम बनाने और इसके लिए प्रक्रिया तय करने की मांग की थी।
इससे पहले पूर्व मंत्री व सीनियर एडवोकेट शांति भूषण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में काफी चर्चित मामले में राजनारायण का पक्ष रखा। 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के पद से हटने का आदेश दिया गया था। शांति भूषण ने 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में कार्य किया। जिस वक्त वो कानून मंत्रालय संभाल रहे थे मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री थे।
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