क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

यूपी में प्रदशर्नकारियों पर कार्रवाई, योगी सरकार के खिलाफ SC के पूर्व जजों ने CJI को लिखा पत्र

Google Oneindia News

लखनऊ, 15 जून। उत्तर प्रदेश में जिस तरह से बुल्डोजर की कार्रवाई हो रही है उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज, हाई कोर्ट के पूर्व जज समेत 12 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा है और उनसे अपील की है कि जिस तरह से यूपी सरकार प्रदर्शनकारियों के घर पर बुल्डोजर चला रही है वह इस कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लें। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को जो पत्र लिखा गया है उसमे कई वकील भी शामिल हैं, उन्होंने अपील की है कि वह इस मामले का संज्ञान लें। पत्र में उस वीडियो का भी जिक्र किया गया है जिसमे देखा जा सकता है कि यूपी पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीट रही है।

इसे भी पढ़ें- पंजाब सरकार की ओर से नवांशहर से दिल्ली एयरपोर्ट तक आज से चलेंगी वॉल्वो बसें, जानें किराया कितना?इसे भी पढ़ें- पंजाब सरकार की ओर से नवांशहर से दिल्ली एयरपोर्ट तक आज से चलेंगी वॉल्वो बसें, जानें किराया कितना?

Recommended Video

Prophet Controversy: Suoreme Court को रिटायर्ड जजों-वकीलों ने लिखा पत्र | वनइंडिया हिंदी | *News
cji

किसने किए हस्ताक्षर

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस दुदर्शन रेड्डी, जस्टिस वी गोपाल गौड़ा, जस्टिस एके गांगुली, दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह, मद्रास हाई कोर्ट के पूर्व जज के चंद्रू, कर्नाटक हाई कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस मोहम्मद अनवर के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण, इंदिरा जयसिंह, चंदर उदय सिंह, आनंद ग्रोवर, प्रशांत भूषण, श्रीराम पंछू ने हस्ताक्षर किया है। इन सब ने पत्र के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से बुल्डोजर की कार्रवाई का संज्ञान लेने को कहा है।

खुद से संज्ञान लें मुख्य न्यायाधीश

दरअसल पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा ने जिस तरह से मोहम्मद साहब को लेकर बयान दिया था उसके बाद देशभर में उनके बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। उत्तर प्रदेश में भी इस बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ। इस मामले मे याचिकाकर्ताओं ने अपील की है कि जिस तरह से यूपी प्रशासन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दमनकारी नीति को अपना रहा है उसका सुप्रीम कोर्ट खुद से संज्ञान ले।

पुलिस बर्बरता कर रही

पत्र में लिखा गया है कि प्रदर्शनकारियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए, उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने दिया, लेकिन ऐसा करने की बजाय यूपी प्रशासन इन लोगों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई कर रहा है। मुख्यमंत्री कथित तौर पर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो लोग दोषी हैं उनके खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए जोकि एक उदाहरण पेश करे, ताकि आगे भविष्य में कोई भी इस तरह का काम ना करें और कानून को अपने हाथ में ना ले। पत्र में मुख्यमंत्री के बयान पर आपत्ति जताई गई है और कहा गया है कि मुख्यमंत्री के बयान से पुलिस को बर्बरता करने का मौका मिला है और वह प्रदर्शनकारियों को गैरकानूनी तरह से टॉर्चर कर रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि दोषियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए, उनके खिलाफ गैंगस्टर एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज के तहत कार्रवाई की जाए।

मौलिक अधिकार का हनन

यही नहीं पत्र में गंभीर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि यूपी पुलिस ने 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस हिरासत में युवाओं का वीडियो देखा जा सकता है, किस तरह उन्हें पीटा जा रहा है, प्रदर्शनकारियों को घर को तोड़ा जा रहा है, उन्हें बिना कोई नोटिस दिए उनके मकान तोड़े जा रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का पीछा किया जा रहा है, पुलिस उन्हे पीट रही है, इस तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं, जिसने देश के विवेक को झकझोर करके रख दिया है। पत्र में कहा गया है कि प्रशासन द्वारा बर्बर कार्रवाई को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह मौलिक अधिकारों का हनन है, जिसे संविधान देता है।

Comments
English summary
Former Judges of SC and high court writes to CJI against Yogi government bulldozer drive.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X