क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

ये हैं वो 5 कारण जिसके चलते युवाओं को जरूर लगवानी चाहिए बूस्टर डोज

Google Oneindia News

नई दिल्ली, 13 सितंबर। इस समय भारत ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी कोरोना के केस कम हो गए हैं और लोग पहले की तरह सामान्य जीवन में लौट रहे हैं। लगभग सभी देशों ने कोरोनाकाल में लगी कई पाबंदियों को हटा लिया है। कोरोना संक्रमण रोकने में टीकाकरण का अहम रोल है। इस बात का दावा हेल्थ एक्सपर्ट्स और कई रिसर्च में भी किया जा चुका है। इस वक्त इम्युनिटी बूस्टर के लिए भारत सहित अन्य देशों द्वारा नागरिकों को बूस्टर डोज लगाया जा रहा है। वहीं, बूस्टर डोज ब्रिटेश में 2021 से ही उपलब्ध है। आंकड़ों के मुताबिक इंग्लैंड में 70 वर्ष से अधिक आयु के 90% से अधिक लोगों को बूस्टर या तीसरी वैक्सीन खुराक मिल चुकी है। लेकिन वहां, युवा वयस्कों में कवरेज बहुत कम है। उदाहरण के लिए, 18-24 आयु वर्ग के 70% से अधिक युवा वयस्कों ने अभी तक सिर्फ टीकाकरण का केवल एक ही डोज लिया है। वहीं, बूस्टर डोज सिर्फ 39% प्रतिशत युवाओं ने लिया है। ऐसे में हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि युवाओं के लिए बूस्टर डोज बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं, वो पांच कारण जिसकी वजह से युवाओं को बूस्टर जरूर लगवाना चाहिए।

bosster dose why important for youth

ये भी पढ़ें- देश में कम हो रहे हैं कोरोना के दैनिक आंकड़ें, बीते 24 घंटों में 5,221 नए केस, 15 मरीजों की हुई मौत

1- समय के साथ टीकाकरण के बाद कम होती प्रतिरोधक क्षमता

1- समय के साथ टीकाकरण के बाद कम होती प्रतिरोधक क्षमता

कुछ टीके, जैसे एमएमआर वैक्सीन (खसरा, कण्ठमाला और रूबेला), आजीवन सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। जबकि COVID टीकों की प्रभावशीलता कुछ महीनों में कम होने लगती है। टीकाकरण के बाद छह महीनों में संक्रमण से सुरक्षा में लगभग 21% और गंभीर बीमारी के खिलाफ 10% की सामान्य कमी के साथ प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। प्रतिरोधक क्षमता में कमी की वजह से वायरस के संचरण में वृद्धि की संभावना होती है। ऐसे में बूस्टर डोज लेना इसलिए भी जरूरी होता है।

2- अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए

2- अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए

टीकाकरण न केवल उस व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है, जिसे टीका लगा होता है। बल्कि COVID टीकाकरण संक्रमण के प्रसार को कम करके अप्रत्यक्ष रूप से पूरी आबादी की रक्षा करता है। अक्सर कई युवा वयस्क घरों में रहते हैं, या नियमित रूप से बुजुर्गों या चिकित्सकीय रूप से कमजोर रिश्तेदारों या दोस्तों से मिलते हैं। उनके साथी हो सकते हैं, जो गर्भवती हैं। जिन लोगों को पूरी तरह से टीका नहीं लगा होता है, उनमें COVID से संक्रमित होने और संपर्क में आए लोगों में संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। इजरायल ने एक शोध में दावा भी किया था कि जिन परिवारों में माता-पिता का टीकाकरण हुआ है, उनके बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम हता है।

3- लंबे समय तक कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए

3- लंबे समय तक कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए

सभी आयु वर्ग के लोगों में अक्सर देखा गया है कि ठीक होने के बाद भी उनकी रिपोर्ट पॉजीटिव आती है रहती है, जिसे लॉन्ग कोविड कहते हैं। इसे माइल्ड सिम्टम्स के रूप में भी देखा जाता है। यह 30% लोगों में हो सकता है, जिन्हें COVID मिलता है, हालांकि अनुमान अलग-अलग हैं। शोध से पता चलता है कि टीकाकरण लंबे COVID के जोखिम को कम करता है। एक अध्ययन में लगभग 15% की कमी का भी दावा किया गया है, जबकि दूसरा सुझाव देता है कि जोखिम आधा हो गया है। वहीं, बूस्टर डोज होने पर इस जोखिम को और भी कम किया जा सकता है। ऐसे में सुरक्षा का सटीक स्तर जो भी हो लगातार उच्च संख्या में COVID संक्रमणों को देखते हुए, यहां तक ​​कि 15% की कमी से भी लंबे समय तक COVID मामलों में काफी कमी आएगी।

4- कार्य के दौरान कम लेनी पड़ेगी छुट्टी

4- कार्य के दौरान कम लेनी पड़ेगी छुट्टी

बूस्टर डोज लगवाना इसलिए भी जरूरी होगा, क्योंकि बूस्टर डोज से युवा, छात्र और नौकरी करने वाले लोग पूरी तरह सुरक्षित होंगे। इससे वो बीमार नहीं पड़ेंगे और उन्हें काम के दिनों में छुट्टी नहीं लेनी पड़ेगी। इससे उनका काम भी नहीं प्रभावित होगा। वहीं, नौकरी और व्यापार से जुड़े लोग जब बीमार नहीं होंगे तो उन्हें वित्तीय नुकसान भी नहीं उठाना पड़ेगा।

5- डरे नहीं पूरी तरह सुरक्षित हैं कोविड-19 के टीके

5- डरे नहीं पूरी तरह सुरक्षित हैं कोविड-19 के टीके

बूस्टर डोज शुरू हुए लगभग 2 साल हो गए हैं। बावजूद लोगों में डर बना हुआ है कि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। ऐसे में बता दें कि पिछले दो वर्षों में, दुनिया भर में अरबों COVID वैक्सीन की खुराक दी गई है। COVID के टीके बहुत प्रभावी और महत्वपूर्ण रूप से सुरक्षित साबित हुए हैं। हालांकि वैक्सीन से कुछ गंभीर दुष्प्रभावों की पहचान की गई, जैसे कि एक निश्चित प्रकार का रक्त का थक्का और मायोकार्डिटिस (हृदय की मांसपेशियों की सूजन)। हालांकि सावधानीपूर्वक निगरानी के माध्यम से हम इन दुर्लभ दुष्प्रभावों के संभावित जोखिम कारकों की पहचान करने और यह निर्धारित करने में सक्षम हैं कि कौन से टीके और खुराक किस समूह के लिए सबसे उपयुक्त हैं। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि टीकों का बार-बार उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है। यह सच नहीं है। इसका कोई सबूत भी नहीं है। साथ ही वैक्सीनेशन से फर्टीलिटी भी प्रभावित नहीं होती है। इसके अलावा वैक्सीशन गर्भवती महिलाओं के लिए भी पूरी तरह सुरक्षित है।

Comments
English summary
For these 5 reasons youth must get booster dose see details here
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X