राफेल डील में भ्रष्टाचार के आरोपों पर फिर से सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट,फ्रांस मीडिया के दावों पर दायर हुई PIL
नई दिल्ली, अप्रैल 12: राफेल फाइटर डील एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है। सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर फ्रांस की मीडिया किए गए खुलासे के बाद सुप्रीम कोर्ट में इसमें एक पीआईएल दाखिल की गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट, राफेल सौदे के खिलाफ याचिका की दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। हालांकि कोर्ट ने कोई ताऱीख नहीं दी है।
Recommended Video
सु्प्रीम कोर्ट में वकील एमएल शर्मा ने सोमवार एक नई याचिका दायर की। इसमें उन्होंने राफेल डील पर लगाए गए नए आरोपों की स्वतंत्र जांच की मांग की है। चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट इसपर तात्कालिक सुनवाई करेगा हालांकि उन्होंने इसके लिए निश्चित तारीख की जानकारी नहीं दी। यह याचिका एक फ्रांसीसी पोर्टल द्वारा नए खुलासे के बाद दायर की गई है। इस याचिका में सौदे को रद्द करने और जुर्माना के साथ सारी रकम वसूलने की मांग की गई है।
दायर याचिका में मामले की कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच के आदेश मांग की गई है। बता दें कि फ्रांस के मीडिया पोर्टल ने दावा किया है कि राफेल सौदे के लिए मिडिलमैन को एक मिलियन यूरो दिए गए थे। फ्रेंच भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी एएफए की जांच रिपोर्ट के हवाले से प्रकाशित खबर के मुताबिक, डसॉल्ट एविएशन ने कुछ बोगस नजर आने वाले भुगतान किए हैं। कंपनी के 2017 के खातों के ऑडिट में 5 लाख 8 हजार 925 यूरो (4.39 करोड़ रुपए) क्लाइंट गिफ्ट के नाम पर खर्च दर्शाए गए।
इतनी बड़ी रकम का कोई ठोस जवाब नहीं दिया गया। मॉडल बनाने वाली कंपनी का मार्च 2017 का एक बिल ही दिखाया गया है। इन मॉडल के लिए 20 हजार यूरो (17 लाख रुपए) प्रति एक के हिसाब से भुगतान किया गया। हालांकि, यह मॉडल कहां और कैसे इस्तेमाल किए गए, इसका कोई सबूत नहीं दिया गया। हालांकि, डसॉल्ट एविएशन ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले कोर्ट की निगरानी में राफेल डील की जांच की मांग से जुड़ी सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे की प्रॉसेस और पार्टनर चुनाव में किसी तरह के फेवर के आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
दिल्ली में कोरोना के बिगड़ते हालात पर केजरीवाल की समीक्षा बैठक, एक बार फिर से बनेंगे कोविड अस्पताल