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Farmers Protest: नरेंद्र तोमर बोले- मनमोहन सिंह और शरद पवार भी चाहते थे कृषि कानूनों में बदलाव

Farmers Protest: नरेंद्र तोमर बोले-

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Farmers Protest News: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को 25 किसान संगठनों ने इस कानूनों पर अपना समर्थन सरकार को दिया है। केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ICAR पूसा संस्थान में इन किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात की है। यहां बोलते हुए तोमर ने कहा कि नए कानून किसानों के हित में हैं और लोग इसको समझ भी रहे हैं। यहां तक कि इन बदलावों को जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री और शरद पवार कृषिमंत्री थे तो वो भी करना चाहते थे लेकिन कर नहीं सके थे।

Farmers protest Agriculture Min Narendra Tomar says During UPA Manmohan Singh Sharad Pawar wanted to bring Farm Laws

नरेंद्र तोमर ने कहा, यूपीए के समय मनमोहन सिंह और शरद पवार भी चाहते थे ये कृषि कानून बनाए जाएं लेकिन दबाव और प्रभाव का सामना नहीं कर पाए, इस कारण वे यह कानून नहीं ला सके। अब नरेंद्र मोदी सरकार इन कानूनों को लाई है तो कांग्रेस और शरद पवार इनके विरोध में उतर आई है। उन्होंने कहा कि एक समय था हमारे पास गेंहू, धान, तिलहन का अभाव था। देश की आबादी बढ़ रही थी लेकिन हम अभाव से जूझ रहे थे। उस समय की सरकार, किसान संगठनों और वैज्ञानिकों ने प्रयास किया कि हमें देश में उत्पादन बढ़ाना चाहिए। अब हम उत्पादन में सरप्लस की स्थिति में है।

बता दें कि केंद्र सरकार इस साल तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि ये कानून मंडी सिस्टम और पूरी खेती को प्राइवेट हथों में सौंप देंगे, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना होगा।

केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन नए कानूनों के खिलाफ बीते छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। ये आंदोलन जून से नवंबर तक मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में हो रहा था। सरकार की ओर से प्रदर्शन पर ध्यान ना देने पर 26 नवंबर को किसानों ने दिल्ली की और कूच करने का ऐलान कर दिया। इसके बाद बीते 32 दिन से किसान दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले सिंधु बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। टिकरी, गाजीपुर और दिल्ली के दूसरे बॉर्डर पर भी किसान जमा हैं। दिल्ली में किसानों के आने के बाद सरकार और किसान नेताओं के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हालांकि अभी तक कोई नतीजा निकलता बातचीत से नहीं निकला है। किसानों इन कानूनों को खेती के खिलाफ कह रहे हैं और तीनों कानूनों को वापस नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कह रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि किसानों को विपक्ष ने भ्रम में डाला है, ये कानून उनके फायदे के लिए हैं।

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English summary
Farmers protest Agriculture Min Narendra Tomar says During UPA Manmohan Singh Sharad Pawar wanted to bring Farm Laws
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