कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताई वजह, आखिर क्यों किसानों के साथ हर दौर की बातचीत हो रही है फेल
नई दिल्ली। Agriculture minister Narendra Singh Tomar कृषि कानूनों को लेकर किसान और केंद्र सरकार के बीच संघर्ष की स्थिति बरकरार है। शनिवार को किसान संगठन और सरकार के बीच हुई 11वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। हालांकि इस मीटिंग में कृषि मंत्री ने तीखे तेवर जरूर दिखा दिए। इस बीच रविवार को एकबार फिर कृषि मंत्री ने कहा कि किसान बस कानूनों को रद्द करने पर अड़े हुए हैं, जबकि वो इसका लाभ देखने की कोशिश नहीं कर रहे हैं।
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हमने किसानों के मुद्दों को समझा है- नरेंद्र सिंह तोमर
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आजतक से बातचीत में कहा है कि किसान संगठन सिर्फ कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, जबकि वो इसके लाभ पर विश्लेषण नहीं करना चाहते, यही कारण है कि अभी तक जितनी भी बातचीत हुई हैं, उनमें कोई समाधान नहीं निकल सका है। नरेंद्र सिंह तोमर ने आगे कहा कि सरकार ने किसानों के मुद्दों को समझते हुए उनका विश्वलेषण किया और फिर एक प्रस्ताव भेजा, लेकिन किसानों ने केंद्र के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, किसानों को ऐसा नहीं करना चाहिए था। तोमर ने कहा कि जब हम आगे बढ़ सकते हैं तो उन्हें भी आगे बढ़ना चाहिए।
किसानों के प्रति संवेदनशील है हमारी सरकार- कृषि मंत्री
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि कानूनों को पारित किया गया है। इसके तहत कृषि क्षेत्र में किसानों के लिए कई बदलाव किए गए हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है और हर मुद्दे का समाधान करना चाहती है और हम बातचीत करने के लिए हमेशा आगे हैं।
किसानों की तरफ से नहीं मिला है कोई प्रस्ताव- कृषि मंत्री
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि जब किसानों के साथ 11वें दौर की बातचीत हुई तो मैंने उनसे कहा कि सरकार ने आपके सामने कई प्रस्ताव रख दिए हैं, जिन्हें आप खारिज ही करते जा रहे हैं, अगर आपके पास कोई प्रस्ताव है तो वो सरकार को भेजो। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की तरफ से अभी तक कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं आया है।