ओडिशा के कृषि मंत्री ने कहा जब चलता है सत्र, तभी मरते हैं किसान
एक ओर किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है वहीं दूसरी ओर मंत्रियों के बयान उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार में कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने कहा है कि प्रदेश में किसानों की मौत तभी होती है जब विधानसभा का सत्र चल रहा होता है।
महारथी ने कहा कि किसान ओडिशा में तभी मरते हैं जब विधानसभा चल रही होती है। जब सत्र समाप्त हो जाता है, तो फिर क्या कोई ऐसी घटनाओं के बारे में सुनता है? इतना ही नहीं महारथी ने इस बात से भी इनकार किया कि प्रदेश में किसी भी किसान ने फसलों के हुए नुकसान की वजह से आत्महत्या की।
महारथी ने दावा किया कि ओडिशा का किसान सम्मान के साथ जीता है। 1866 के अकाल या 1999 के महातूफान जैसे कठिन समय में भी किसानों ने खुदकुशी नहीं की थी। हालांकि महारथी के इस बयान की विपक्ष ने तल्ख आलोचना की है।
भाजपा ने कहा...
भारतीय जनता पार्टी के विधायक प्रदीप पुरोहित ने कहा कि महारथी का बयान किसानों का अपमान है। वो लगातार आत्महत्याएं कर रहे हैं। सरकार उन्हें मदद देने में असफल रहा हूं। यह सरकार ना तो सिंचाई के लिए पानी दे सकी और ना ही किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण हुआ है।
कांग्रेस नेता तारा प्रसाद भानीपति ने मंत्री के बयान को गैर जिम्मेदाराना बताया है। उन्होंने कहा कि किसी भी अन्य राज्य की तरह ओडिशा में भी किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
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