कृषि कानूनों की वापसी से व्यथित हैं उमा भारती, बोलीं - 'ये भाजपा कार्यकर्ताओं की नाकामी है'
लखनऊ, 22 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानून वापस लेने के फैसले पर जहां विरोधी दल इसे किसानों की जीत और अहंकार की हार बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं और कहा है कि 'कृषि कानूनों की वापसी भाजपा कार्यकर्ताओं की नाकामी है।'
उन्होंने सोमवार को ट्विटर पर लिखा कि 'मैं पिछले 4 दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूं । दिनांक 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री माननीय श्री @narendramodi जी ने जब तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई इसलिए 3 दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूं। कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके । इसी कारण से उस दिन प्रधानमंत्री @narendramodi जी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी।'
PM मोदी ने महानता स्थापित की: उमा भारती
उन्होंने आगे लिखा कि 'अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी है, हम क्यों नहीं किसानों से ठीक तरह से समझा पाए। मेरे नेता माननीय @narendramodi जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की । हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग युग जीये , सफल रहे, यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं मां गंगा से प्रार्थना करती हूं।'
पीएम मोदी ने की किसानों से अपील
हालांकि पीएम मोदी ने सभी किसानों से आंदोलन को बंद करने की अपील की थी लेकिन किसान आंदोलन को बंद करने के मूड में नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने लखनऊ में आज किसान महापंचायत बुलाई थी जहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 'हमारा आंदोलन स्थगित नहीं होगा।'
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27 तारीख को होगी मीटिंग
तो वहीं एक दिन पहले किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा था कि तीन कृषि कानून जब तक अधिकारिक तौर पर संसद में निरस्त नहीं हो जाता, तब तक उनका किसान आंदोलन जारी रहेगा। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी। यही नहीं किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में एक पत्र भी लिखा है।