सेंट्रल विस्टा पर कोर्ट के फैसले के बाद बोले हरदीप पुरी- कई महीनों से गढ़ी जा रही थी झूठी कहानी
नई दिल्ली, मई 31। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग वाली PIL को खारिज कर दिया। साथ ही हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी ठोक दिया। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष पर निशाना साधा। आपको बता दें कि विपक्ष लगातार इस प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग कर रहा था। हरदीप सिंह पुरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट की आलोचना करने वाला विपक्ष झूठ की कहानी गढ़ रहा है।
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कई महीनों से झूठी कहानी बना रहा है विपक्ष- केंद्रीय मंत्री
आपको बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया के सामने आए और कहा, "मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ महीनों से एक झूठी कहानी बनाई जा रही है। इस झूठी कहानी से पॉलिटिकल क्लास को सावधान रहने की जरूरत है और दूसरों को भी सावधान करने की आवश्यकता है।"
हेरिटेज बिल्डिंगों को नहीं पहुंचेगा नुकसान- हरदीप सिंह पुरी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट सिर्फ वर्तमान सरकार के लिए ही नहीं है, बल्कि अगले ढाई तीन सौ बरस के लिए है। वर्तमान संसद भवन सौ बरस पुराना हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण के दौरान हेरिटेज बिल्डिंगों को बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा एवेन्यू और संसद भवन ये दो अलग अलग प्रॉजेक्ट है और इसके निर्माण की जल्दी इसलिए है, क्योंकि हम चाहते हैं कि आजादी के 75वीं वर्षगांठ हम नए संसद भवन में मनाएं।
राहुल गांधी कर रहे थे लगातार ये मांग
आपको बता दें कि 13450 करोड़ रुपए की लागत वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कई राजनीतिक दलों ने केंद्र सरकार की आलोचना की है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लगातार इस प्रोजेक्ट पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। राहुल गांधी ने कोरोना महामारी के दौरान इस प्रोजेक्ट पर रोक लगाने की मांग की थी। राहुल गांधी के इन आरोपों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भविष्य में सांसदों की संख्या और भी बढ़ने वाली है, इसलिए अधिक सीटों वाले संसद भवन की जरूरत है। दिल्ली हाईकोर्ट में काम रोकने की पेटिशन भी फाइल हुई जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।