पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार को पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के एक आभासी शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने जयशंकर के समूह के 15वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बारे में जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय बताया कि शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता वियतनाम के प्रधानमंत्री गुयेन जुआन फुक द्वारा की जाएगी, इस सम्मेलन में सभी 18 ईएएस देशों की भागीदारी होगी।
बता दें कि 2005 में अपनी स्थापना के बाद से ही पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए प्रशांत क्षेत्र का प्रमुख मंच बना हुआ है। इसने पूर्वी एशिया के रणनीतिक, भू राजनीतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। MEA ने कहा कि शिखर सम्मेलन में ईएएस प्लेटफॉर्म को मजबूत करने और अपनी 15 वीं वर्षगांठ पर उभरती चुनौतियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के तरीकों और साधनों पर चर्चा की जाएगी।
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विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि नेता अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय हित के मुद्दों पर भी विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें कोरोना वायरस महामारी और ईएएस भाग लेने वाले देशों के बीच सहयोग और तेजी से आर्थिक सुधार हासिल करने जैसे कई अहम मुद्दे शामिल होंगे। मंत्रालय ने कहा, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों और क्षेत्र में एक प्रमुख विश्वास-निर्माण तंत्र पर चर्चा के लिए एक प्रमुख नेतृत्व वाला मंच है। भारत को विश्वास है कि आसियान की अगुवाई वाली चौखटें जिनमें ईएएस क्षेत्रीय सुरक्षा वास्तुकला के मूल में एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे और मजबूत बनाने की जरूरत है। बता दें कि 10 आसियान सदस्य देशों के अलावा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस शामिल हैं।