Women's Day: मिलिए बिहार की ज्योत्सना झा से, जिसने पॉजिटिव सोच के दम पर जीता जहां, पढ़ें Exclusive Interview
अंकुर शर्मा
Exclusive
Interview
by
Ankur
Sharma
:
'हम
भी
दरिया
है,
हमें
अपना
हुनर
मालूम
है,
जिस
तरफ
चल
पड़े
रास्ता
हो
जायेगा',
कुछ
ऐसी
ही
सोच
की
मालकिन
हैं
सहरसा
निवासी
श्री
अभय
चंद्र
झा
की
छोटी
बेटी
ज्योत्सना
झा,
जिन्होंने
अपने
सकारात्मक
विचार
और
आत्मविश्वास
के
जरिए
ग्रीस
में
हुए
Haute
Monde
मिसेज
इंडिया
वर्ल्ड
वाइड
2019
के
फाइनल
तक
का
सफर
तय
किया।
आपको
बता
दें
कि
आपके
पिताजी
Co-operative
Inspector
State
Government,
Bihar
के
एक
Officer
रहे
हैं,
जिन्होंने
अपने
बच्चों
को
हमेशा
ईमानदारी
से
आगे
बढ़ने
का
रास्ता
दिखाया
है।
ज्योत्सना
झा
को
लोग
Beauty
with
Brain
कहते
हैं।
वर्तमान
में
बेंगलुरू
में
रह
रहीं
ज्योत्सना
झा
Global
Vasudhaiva
Association
और
Milan
Global
Pvt
Ltd
की
फाउंडर
और
Creative
Vision
Society
की
secretary
है।
ज्योत्सना
आज
एक
बेटी,
बहू,
पत्नी
और
मां
का
रोल
बखूबी
निभा
रही
हैं,
ज्योत्सना
का
मानना
है
कि
महिलाओं
का
जन्म
ही
सृजन
के
लिए
हुआ
है,
उन्हीं
की
वजह
से
दुनिया
का
अस्तित्व
है
और
उन्हीं
के
कारण
दुनिया
खूबसूरत
है।
पॉजिटिव
सोच
को
लाइफ
का
'टॉनिक'
मानने
वाली
ज्योत्सना
झा
ने
महिला
दिवस
के
मौके
पर
वनइंडिया
से
Exclusive
बातचीत
की
और
समाज
की
महिलाओं
को
एक
विशेष
संदेश
दिया
है,
पेश
है
उस
बातचीत
के
कुछ
खास
अंश।
'मैं देश की कला-संस्कृति को इंटरनेशनल पहचान देना चाहती थी'
- वनइंडिया: ज्योत्सना जी, वनइंडिया परिवार में आपका स्वागत है, सबसे पहले आपको महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
- ज्योत्सना झा: बहुत बहुत धन्यवाद, आपको भी महिला दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
- वनइंडिया: ज्योत्सना जी, आपने हॉट मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड 2019 के फाइनल तक का सफर तय किया है , इस जर्नी के बारे में आप कुछ बताना चाहेंगीं?
- ज्योत्सना झा: जी बिल्कुल, मैं एक समाजसेविका भी हूं, मेरे और मेरे परिवार के लिए ग्लैमर वर्ल्ड नया नहीं है, हॉट मिसेज इंडिया वर्ल्ड वाइड 2019 प्रतियोगिता से जुड़ने का मकसद सिर्फ इतना था कि मैं देश की कला-संस्कृति को एक इंटरनेशनल पहचान दे सकूं और मुझे खुशी है कि मैं उसमें काफी सफल हुई। इस प्रतियोगिता में विभिन्न देशों से चार हजार लड़कियों ने आवेदन किया था। जिसमें से पहले दौर में 2500 का चयन हुआ फिर अंतिम दौर के लिए 170 लोगों को चुना गया था, बिहार से मैं अकेली महिला थी, जो कि इस प्रतियोगिता में सेलेक्ट हुई थी और मुझे खुशी है कि मैंने फाइनल तक का सफर तय किया।
'महिलाओं के पास डबल शक्ति है'
- वनइंडिया: ज्योत्सना जी, काफी महिलाएं ये कहती हैं कि शादी के बाद करियर खत्म हो जाता है, बहुत सारी महिलाओं को शादी के बाद करियर या घर में से एक को चुनना पड़ता है, इस पर आप क्या कहेंगी?
- ज्योत्सना झा: मेरा मानना है कि ये सोच पूरी तरह से सही नहीं है, अगर एक महिला ये सोच ले कि उसे दोनों चीज साथ लेकर चलनी है तो बिल्कुल वो कर सकती है क्योंकि महिलाओं के पास डबल शक्ति होती है और कुदरत ने उसे इतना सक्षम बनाया है कि वो अपनी प्राथमिकताओं के हिसाब से अपनी सारी समस्याओं का समाधान निकाल सकती है।
- वनइंडिया: अभी आपने कहा कि आप एक एनजीओ चला रही हैं, हमारे पाठकों को आप इस बारे में बताना चाहेंगी?
- ज्योत्सना झा: जी हां, बिल्कुल, हमारे एनजीओ का नाम क्रियेटिव विजन सोसाइटी है, हम यूथ और महिलाओं के उद्धार के लिए काम करते हैं, ये एनजीओ पिछले 20 साल से इंडिया और इंटरनेशनल लेवल पर काम कर रहा है, साथ ही हमारी कोशिश है कि हम अपनी कला-संस्कृति का उचित रूप से प्रचार प्रसार भी करें, हम शहरी और ग्रामीण महिलाओं दोनों के उद्धार के लिए काम कर रहे हैं।
'मुखर-प्रखर और ओपन तीनों शब्दों का अंतर समझना होगा'
- वनइंडिया: आज की महिलाएं काफी मुखर हैं, आज महिलाएं अपने सी जुड़ी बातों जैसे पीरियड्स, रिलेशनशिप पर खुलकर बातें करती हैं, इस विषय पर आप क्या कहेंगी?
- ज्योत्सना झा: तो इसमें बुराई क्या है, अच्छा है कि महिलाएं मुखर हो रही हैं और उन्हें खुलकर बातें करने की जरूरत है क्योंकि अगर आप बात नहीं करेंगी तो समस्याओं का निवारण कैसे होगा, लेकिन मुखर-प्रखर और ओपन तीनों में अंतर है और हर महिला को यह समझना भी होगा, जब वो इसे समझ जाएंगी, तो उन्हें किसी चीज से कोई दिक्कत नहीं होगी।
- वनइंडिया: 'पिंक', 'थप्पड़' जैसी फिल्मों पर आरोप लगे हैं कि ये सारी फिल्में केवल यही बता रही हैं कि महिलाएं ही बेचारी हैं और लड़के खराब?
- ज्योत्सना झा: महिलाओं के साथ गलत हो रहा है या होता है ये मुद्दा अहम है लेकिन सारे पुरुष गलत हैं ये सोच गलत है और इसे बदलने की तत्काल प्रभाव से जरूरत है। हमेशा हर बात के लिए लड़कों को कोसना सही नहीं, सारे पुरुष खलनायक थोड़े ही होते हैं, समाज में केवल महिलाएं ही प्रताड़ित नहीं है, पुरुष भी होते हैं, महिला और पुरुष दोनों ही बराबर हैं, इसलिए हर चीज में बराबरी की बात होनी चाहिए।
'आप कमजोर नहीं, आप बेमिसाल हैं'
- वनइंडिया: महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, क्या सोचती है इस बारे में आप?
- ज्योत्सना झा: हालिया हैदराबाद की घटना ने सबको हिलाकर रख दिया, निर्भया मामले में भी इतना टाइम लग रहा है, मुझे लगता है अपराध पर लगाम लगाने के लिए हमें और कड़े कानून बनाने चाहिए।
- वनइंडिया: महिला दिवस पर देश की महिलाओं से क्या कहना चाहेंगी आप?
- ज्योत्सना झा: देश की हर महिला बहुत प्रतिभावान है और उसे कुदरत ने बखूबी शक्ति दी है इसलिए देश की हर महिला बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि नारी है तो घर है, इसलिए बिना किसी संकोच, दवाब और निराशा के आप हर वो काम कीजिए, जिसमें आप खुश हैं, आप घूम सकती हैं, नाच सकती हैं, गा सकती हैं, आप हर वो काम कर सकती हैं, जो आप करना चाहती हैं, आप किसी से भी कम नहीं, आप कमजोर नहीं, आप बेमिसाल हैं और सबसे ज्यादा अनमोल हैं, महिला होना एक गर्व की बात है इसलिए शान से इस जीवन को व्यतीत करें और सकारात्मक रहिए। महिलाएं अपने आत्म विश्वास को बनाए रखें और अपने सपनों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहिए, देखिएगा एक दिन मंजिल जरूर मिलेगी।