'रूस - यूक्रेन संकट के बीच भारत के लिए जबरदस्त अवसर', भारतीय व्यापार पर बोले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह
नई दिल्ली, 22 मार्च। यूक्रेन में रूस के हमले (Russia Ukraine Conflict) बंद नहीं हो रहे। यूरोप और अमेरिकी महाद्वीप के अधिकतर देशों ने रूस पर अमेरिकी की ओर से लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों को समर्थन दिया है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Dr. Manmohan Singh) ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मौजूदा संकट के दौरान भारत के व्यापार विस्तार के लिए अवसर बताया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों का गुट रूस-चीन राष्ट्रों पर निर्भरता को कम करना चाहता है।
हाल में रूस के रक्षा मंत्री भारतीय विदेश नीति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की थी। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर का सच्चा देशभक्त बताया था। यूक्रेन पर हमले के बाद पूरी दुनिया रूस के खिलाफ खड़ी हो रही है तो भारत अपने पुराने दोस्त रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। रूस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंघम बागची ने गुरुवार को कहा कि नई दिल्ली और मॉस्को इस बात का हल निकालने में जुटे हैं कि वर्तमान हालातों में पेमेंट का कौन सा तरीका अपनाया जाए।
वहीं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने एक लेख में रूस - यूक्रेन संकट के बीच भारत के अवसरों को लेकर एक विस्तृत लेख लिखा। जिसमें उन्होंन मौजूदा समय में वैश्विक उथलपुथल के बीच भारत सरकार के लिए अवसर की बात कही है। पूर्व पीएम ने अपने लेख में लिखा है कि भारत के लिए अपने घरेलू सामाजिक संतुलन को बनाए रखना भी अनिवार्य है। देश को बड़े पैमाने पर उत्पादन करने वाला देश बनने के लिए सभी धर्मों और जातियों के लोगों के साथ लाखों कारखानों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव आर्थिक समृद्धि की इमारत है। नागरिकों के बीच आपसी अविश्वास, घृणा और क्रोध को बढ़ावा देना शर्मनाक बात है।
भारत को देश और विदेश दोनों जगह अहिंसा पालन करना जाहिए- मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह की राय यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बीच आती है क्योंकि व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व वाली सेना ने देश पर हिंसक हमले किए, जिससे कई शहर बर्बाद हो गए। यूक्रेन में बड़े पैमाने पर रक्तपात हुआ है जहां लगभग दो महीने से यूक्रेन के नागरिकों और रूसी सैनिकों सहित हजारों लोग युद्ध के रूप में मारे गए हैं। यूक्रेन सेना के जनरल स्टाफ ने कहा कि 24 फरवरी को यूक्रेन पर पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू होने के बाद से रूस पहले ही 21,000 बलों को खो चुका है। मनमोहन सिंह ने अपने लेख में लिखा कि यूक्रेन में हुई हिंसा से उन्हें दुख हुआ। परमाणु खतरों की बात ने चिंतित कर दिया। मनमोहन सिंह ने अपनी राय में लिखा कि महात्मा गांधी के राष्ट्र के रूप में भारत को देश और दुनिया दोनों जगह शांति और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।
रूस
यूक्रेन
संकट
के
बीच
भारत
के
लिए
अवसर
पूर्व
पीएम
डॉ.
मनमोहन
सिंह
ने
लिखा
कि
शीत
युद्ध
के
युग
के
विपरीत
वर्तमान
में
रूस
और
यूक्रेन
के
बीच
उपजा
संकट
भारत
के
लिए
व्यापार
के
विस्तार
नए
अवसर
उपलब्ध
कराता
है।
पूर्व
पीएम
ने
इसके
पीछ
तर्क
दिया
कि
पश्चिमी
देश
रूस-चीन
राष्ट्रों
पर
निर्भरता
को
कम
करना
चाहते
हैं।
डॉ.
मनमोहन
ने
आगे
लिखा
कि
भारत
सबसे
बड़े
शांतिप्रिय
लोकतंत्र
के
रूप
में
स्थापित
है।
यह
भारत
को
विश्व
की
एक
बड़ा
उत्पादक
राष्ट्र
और
एक
वैश्विक
आर्थिक
महाशक्ति
बनने
का
एक
जबरदस्त
अवसर
देता
है।