इलेक्टोरल ट्रस्ट से राजनीतिक पार्टियों को मिला बंपर चंदा, 271 करोड़ के साथ बीजेपी नंबर वन
नई दिल्ली, 9 जून: सत्ताधारी पार्टी बीजेपी चंदे के मामले में काफी बढ़त बनाए हुए है, जहां 2019-20 में उसको इलेक्टोरल ट्रस्ट से 271.5 करोड़ रुपये मिले। ये राशि ट्रस्ट की कुल फंडिंग की 80 फीसदी है। इसमें सबसे ज्यादा चंदा टेलीकॉम कंपनी एयरटेल और डीएलएफ लिमिटेड ने दिया है। इसके अलावा प्रूडेंट से बीजेपी को 217.75 करोड़, जन कल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से 45.95 करोड़, एबी जेनरल ट्रस्ट से 9 करोड़ और समाज इलेक्टरोल ट्रस्ट से 3.75 करोड़ रुपये मिले हैं।
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस की बात करें, तो वो बीजेपी से काफी ज्यादा पीछे है क्योंकि उसके खाते में सिर्फ 58 करोड़ रुपये ही आए। इसमें प्रुडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 31 करोड़, जनकल्याण इलेक्टरोल ट्रस्ट से 25 करोड़ और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से दो करोड़ रुपये का चंदा मिला। चुनाव आयोग ने 2019-20 के लिए अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट भी जारी की है। जिसमें 35 मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय दलों का नाम शामिल है। इसमें टीआरएस ने सबसे अधिक 130.46 करोड़ की आय दर्ज की है। इसके बाद शिवसेना ने 111.4 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी ने 92.7 करोड़ रुपये की आय बताई है।
अन्य दलों की बात करें तो बीजद को 90.35 करोड़ रुपये, अन्नाद्रमुक को 89.6 करोड़, द्रमुक को 64.90 करोड़ और आम आदमी पार्टी को 49.65 करोड़ रुपये मिले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पार्टियों की आय में चुनावी ट्रस्टों के माध्यम से प्राप्त चंदे सहित सभी स्रोत शामिल हैं। 2019-20 के लिए कांग्रेस की कुल आय 682 करोड़ रुपये थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में 25% कम है।
वहीं 2019-20 में क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इलेक्टोरल बॉन्ड से अच्छी कमाई की। जिसमें टीआरएस ने 89.15 करोड़ रुपये, वाईएसआरसीपी ने 74.35 करोड़ रुपये, बीजेडी ने 50.5 करोड़ रुपये, डीएमके ने 45.5 करोड़ रुपये, शिवसेना ने 40.98 रुपये प्राप्त किए हैं। इसके बाद आप को 17.76 करोड़, समाजवादी पार्टी को 10.84 करोड़, JDS को 7.5 करोड़, अन्नाद्रमुक को 6.05 करोड़ और राजद को 2.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। हालांकि इलेक्टोरल ट्रस्ट ने ये नहीं बताया कि बिड़ला कॉर्पोरेशन से जो 3 करोड़ रुपये आए वो किस पार्टी को मिले हैं।