चुनाव आयोग 18 अप्रैल को करेगा कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर सुनवाई, BJP ने की थी रद्द करने की मांग
नई दिल्ली। दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता और पेशे से वकील अश्विनी उपाध्याय ने जनवरी में चुनाव आयोग से कांग्रेस का चुनाव चिह्न 'हाथ का पंजा' रद्द किए जाने की मांग की थी। जिस पर चुनाव आयोग 18 अप्रैल को सुनवाई करेगा। अश्वनि उपाध्याय ने चुनाव आयोग के समक्ष यह दलील पेश की थी कि कांग्रेस पार्टी मतदान के दिन तक अपने चुनाव चिन्ह का अनुचित रूप से प्रयोग करती है। मानव अंग होने के कारण मतदान केंद्र के 100 मीटर के अंदर भी उसका प्रदर्शन कर मतदाताओं को लुभाया जाता है।
उनका कहना है कि इंसान के किसी भी अंग के चित्र को चुनाव चिह्न के तौर पर किसी भी राजनीतिक दल को अलॉट नहीं किया जाना चाहिए। आपनी याचिका में उपाध्याय का तर्क था कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 130 और चुनाव आचार संहिता के नियम के मुताबिक मानव शरीर का कोई भी अंग चुनाव चिह्न नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि, इसके बावजूद 1977 से कांग्रेस चुनाव चिह्न के रुप में 'हाथ का पंजा' का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा है कि आचार संहिता साफ तौर पर कहती है कि मतदान की तारीख से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। चुनाव के दिन भी मतदान स्थल के 100 मीटर के पास चुनाव निशान नहीं दिखाया जा सकता है, लेकिन कांग्रेसी उम्मीदवार अपनी हथेली दिखाकर अपने चुनाव निशान का प्रचार करते हैं।