कोरोना संकट में कैसे कराए जाएं चुनाव, इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक दलों से मांगे सुझाव
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से कोरोना संकट के बीच इलेक्शन कराए जाने को लेकर सुझाव मांगे हैं। आयोग ने सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों से इस पर सुझाव देने को कहा है कि महामारी के समय में मतदान, जनसभाएं, प्रचार वगैरह कैसे हो, इसके लिए क्या नए नियम बनाएं जाएं। इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक दलों से 31 जुलाई तक सुझाव भेजने के लिए कहा है।
देश के कई राज्यों में आने वाले समय में चुनाव होने हैं। अक्टूबर-नंवबर में बिहार में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि कोरोना के बीच कैसे तो उम्मीदवार प्रचार करेगा और कैसे मतदान के वक्त व्यवस्था की जाएगी। भीड़ की वजह से कोरोना फैलने का भी डर रहेगा। बिहार चुनाव को लेकर तो चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार के राजनीतिक दलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की है।
दरअसल बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों ने बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग से कहा है कि वह यह समीक्षा करने कि क्या इस महामारी के दौरान निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव हो सकते हैं? पत्र के जरिए मतदाताओं और पार्टियों के बीच डर का जिक्र करते हुए कहा गया है कि चुनाव एक कोरोना फैलाने का इवेंट नहीं बनना चाहिए। चुनाव आयोग को लिखे पत्र में राजनीतिक पार्टियों ने कहा, यह मान लेना चाहिए कि अभी भी कई ऐसे लोग संक्रमित हो सकते हैं, जिनमें लक्षण नहीं दिखाई दे रहे होंगे। दलों ने कहा कि, कई संक्रमित लोगों की टेस्टिंग नहीं हुई होगी। ऐसे में ये लोग एक जगह से दूसरी जगह आते-जाते हैं, जिससे कोरोना का प्रसार होने की आशंका है। पत्र में कहा गया कि बिहार की आबादी 13 करोड़ है जबकि 7 करोड़ मतदाता है। चुनाव के समय आयोग कैसे सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करवा पाएगा?
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