पूरे देश से एक दिन पहले केरल और उडुपी में क्यों मनाई जाती है ईद
नई दिल्ली। रमजान का पाक महीना खत्म होने वाला है। रमजान के खत्म होने के साथ ही भारत में मीठी ईद मनाई जाएगी। ईद उल-फितर (Eid-ul-Fitr) की तारीख आम तौर पर कई देशों में अलग-अलग होती है। ईद कब मनेगी ये सब ईद के चांद (Eid ul-Fitr Moon Sighting) पर निर्भर करता है। भारत में ईद का पर्व 5 या 6 जून को मनाया जा सकता है। हालांकि ये चांद पर निर्भर करता है कि ईद का चांद कब दिखेगा। ईद के साथ ही इक महीने तक चलने वाला रमजान खत्म हो जाएगा। आपको बता दें कि दक्षिण भारत के केरल और उडुपी में ईद एक दिन पहले मनाया जाता है। पूरे देश में जिस दिन ईद मानाया जाता है उससे एक दिन पहले यहां ईद का त्योहार मनाया जाता है।
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एक दिन पहले केरल और उडुपी में क्यों मनाई जाती है ईद
केरल और उड्डपी में एक दिन पहले ईद का त्योहार मनाया जाता है। कई जानकारों के मुताबिक इन जगहों पर रमजान और ईद की तारीख सऊदी अरब के मुताबिक तय की जाती है। जबकि कुछ लोगों का कहना है कि इन जगहों पर सऊदी अरब का कैलेंडर फॉलो किया जाता है। इसी की वजह से इन दोनों जगहों पर ईद भारत के बाकी जगहों से एक दिन पहले मनाया जाता है। भारत में 5 जून को ईद मनाया जा रहा है जबकि केरल और उडुपी में आज यानी 4 जून को ईद मनाया जा रहा है।
क्या है वजह
कोच्ची स्थित मुस्लिम धर्मगुरु फजलुर रहमान ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा भौगोलिक स्थिति की वजह से यहां एक दिन पहले ईद मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि हम सऊदी अरब के कैलेंडर को फॉलो नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि केरल और उडुपी कोस्टल एरिया में स्थित हैं। इन जगहों पर 29वें दिन ही चांद दिख जाता है। कई बार ये तारीख अरब देश के तारीख से मैच कर जाता है। इसी वजह से लोग इसे अरब देशों के साथ जोड़ देते हैं।
क्यों मनाते हैं ईद
ईद-उल-फितर हिजरी कैलेंडर के 10वें माह के पहले दिन मनाई जाती है। हिजरी कैलेंडर में नया माह चांद देखकर ही शुरू होता है और जब तक चांद नहीं दिखे तब तक रमजान का महीना खत्म नहीं माना जाता। रमजान माह के खत्म होने के बाद ही नए माह के पहले दिन ईद मनाई जाती है। माना जाता है कि इस दिन हजरत मुहम्मद मक्का शहर से मदीना के लिए निकले थे।