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दुनियाभर के डॉक्टरों की भविष्यवाणी- 'हर्ड इम्युनिटी के साथ कोरोना की हर नई लहर का खतरा बेहद कम हो जाएगा'

दुनियाभर के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना ही हर नई लहर के साथ हर्ड इम्युटी की वजह से कोरोना का प्रभाव कम होता जाएगा।

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नई दिल्ली, 29 मई। दुनियाभर के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना ही हर नई लहर के साथ हर्ड इम्युटी की वजह से कोरोना का प्रभाव कम होता जाएगा। उनका कहना है कि हम सहनशीलता विकसित कर लेंगे। उन्होंने यह भी कहा कोरोना को तीव्र गति से कम करने का एकमात्र तरीका टीककरण है। टीकाकरण के महत्व को दर्शाते हुए डॉ. अंबरीश सात्विक ने कहा कि जब तक सभी लोगों को टीका नहीं लगेगा तब तक वायरस को फैलने का अवसर मिलता रहेगा।

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दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर शंकरा शेट्टी ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर अब हमारा थोड़ा आशावादी दृष्टिकोण है। हम देख पा रहे हैं कि दक्षिण अफ्रीका के लोगों में हर्ड इम्युनिटी विकसित को विकसित होते देखा है जो पहली लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।

इसलिए मुझे लगता है कि तीसरी लहर का प्रभाव पहली और दूसरी लहर के मुकाबले कम होगा। साल के अंत तक हम कोरोना के मामलों में कमी देखेंगे। कोरोना निश्चित तौर पर हमारे बीच होगा, लेकिन इसके केसों की संख्या बेहद कम रह जाएगी।

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वहीं एंडोवास्कुलर सर्जन डॉ. अंबरीश सात्विक कहते हैं कि हर्ड इम्युनिटी रोग प्रेरित हर्ड इम्युनिटी और वैक्सीन प्रेरित हर्ड इम्युनिटी का मेल है। उन्होंने कहा कि वायरस मानव के ही अंतर म्टूटेट होता है। यह खिड़की, दरवाजे या हवा में तैरते हुए म्टूटेट नहीं होता। जब तक इस वायरस का संचरण होता रहेगा इसे म्यूटेट होने के अवसर मिलते रहेंगे। जब तक दुनिया के किसी भी कोने में लोग बिना टीकाकरण के मौजूद रहेंगे तबतक यह वायरस फैलता रहेगा। केवल टीटाकरण की इसे रोकने का एकमात्र उपाय है।

क्या है हर्ड इम्युनिटी
हर्ड इम्युनिटी का मतलब एक ऐसी स्थिति से है जहां आबादी में पर्याप्त लोगों में संक्रमण के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है ताकि वे उस बीमारी को फैलने से प्रभावी ढंग से रोक सकें।

इसके लिए जरूरी नहीं कि उन्हें वैक्सीन ही लगाई जाए या फिर वो उस बीमारी से ग्रसित हुए हों। जरूरी ये है कि उनकी प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होनी चाहिए।

कोरोना के मामले में बात करें तो जितने ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित होंगे, उनमें से बहुत से ऐसे लोग है जो ठीक हो रहे हैं ऐसे लोगों में इस वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाएगी।

वहीं, द लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल में इमर्जिंग इंफेक्शियस डिजीज के प्रोफेसर मार्टिन हिबर्ड ने कहा कि जब 70% आबादी किसी बीमारी से संक्रमित होकर ठीक हो जाती है तो उस बीमारी के फैलने की संभावना बहुत कम हो जाती है। क्योंकि अधिकाश लोग इस संक्रमण के प्रति प्रतिरोध क्षमता प्राप्त कर लेते हैं।

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English summary
Doctors predict The risk of the multiple Covid waves will be greatly reduced due to herd immunity'.
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