महाराष्ट्र के डीजीपी बोले, किसी गौरक्षक को न करने दें छापेमारी
मुंबई। बकरीद से पहले महाराष्ट्र के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के ऑफिस से महाराष्ट्र पुलिस को दो पन्नों का सर्कुलर जारी करते हुए निर्देश दिया है कि वह सुनिश्चित करें कि कोई भी गौरक्षक स्वतः संज्ञान लेते हुए किसी तरह की छापेमारी न करें। अगर किसी भी गौरक्षक को बीफ की कोई जानकारी मिलती है तो वह स्थानीय पुलिस थाने को इसकी सूचना दें। जो भी अधिकारी उस वक्त ड्यूटी पर होगा वह इस मामले में छापेमारी करेगा।
दो पन्नों के इस सर्कुलर में इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सिर्फ बकरियां (बकरीद के मौकों पर बकरियों की कुर्बानी दी जाती है।) ही ट्रांसपोर्ट का जाएं न कि बीफ। आपको बता दें कि बीफ खाना या ट्रांसपोर्ट करना 'महाराष्ट्र एनिमल प्रिजर्वेशन (संशोधिन) एक्ट 2015' के तहत एक अपराध है।
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कानून में यह संशोधन भाजपा शासित राज्य सरकार ने 4 मार्च 2015 को किया था। इसके तहत अगर किसी को बीफ खाते या बेचते पकड़ा जाता है तो उसे 5 साल की जेल हो सकती है। साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।
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अधिकारियों के मुताबिक, कई बार गौरक्षक छापेमारी करते हैं, जिससे जनता को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की बहुत सी शिकायतें पहले भी की जा चुकी हैं। इसलिए नए कानून के तहत एक सर्कुलर जारी किया गया है और बकरीद के मौके पर और उससे पहले भी क्या करें औरर क्या न करें की एक लिस्ट जारी की गई है।