अयोध्या फैसले पर दिग्विजय सिंह ने किया ट्वीट, 'क्या विध्वंस के दोषियों को सजा मिल पाएगी'
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर पूछा है कि, विध्वंस के दोषियों को सजा कब मिलेगी। उन्होंने लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को गिराए जाने को भी गैरकानूनी बताया था लेकिन उसके दोषियों को अब तक सजा नहीं मिली है। बता दें, लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या केस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को रामलला को देने का आदेश दिया है।

फैसल पर शांति की अपील
राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के कई दिग्गजों ने लोगों से शांति की अपील की थी। फैसले पर देशभर से प्रतिक्रियाएं आई और सभी ने सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हुए फैसले को स्वीकर कर लिया है। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी जजमेंट को स्वीकार करते हुए फैसले को चुनौती नहीं देने का ऐलान किया है। इसी बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से बाबरी मस्जिद विध्वंस का मुद्दा उठाया है। उन्होंने 1992 में तोड़ी गई मस्जिद के आरोपियों के लिए सजा की मांग की है।

दिग्विजय ने किया ये ट्वीट
अपने सोशल मीडिया अकाउंट से दिग्विजय ने ट्वीट कर बाबरी विध्वंस का मुद्दा उठाया है। उन्होंने लिखा कि, माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को गैर कानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सजा मिल पाएगी? देखते हैं। 29 साल हो गये। उन्होंने अपना दूसरे ट्वीट में लिखा, राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं। कांग्रेस ने हमेशा से यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित कानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिये। विध्वंस और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है।

क्या हुआ था 1992 में ?
दिग्विजय सिंह के ट्वीट ने एक बार फिर उस मामले को हवा दी है जिसने शनिवार को आयोध्या पर आए फैसले को इतना संवेदनशील बना दिया था। दरअसल, अयोध्या के विवादित जमीन पर 6 दिसंबर 1992 को बड़ी संख्या में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद के ढांचे को गिरा दिया था। इस मामले में कई दिग्गज नेताओं पर आरोप लगे और उनके खिलाफ ट्रायल भी चलाया गया। इनमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह समेत अन्य 13 लोगों का नाम शामिल है। मामले सुप्रीम कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। इस विध्वंस को सुप्रीम कोर्ट ने भी गैरकानूनी माना था, अभी इस मामले में फैसला आना बाकी है।