क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Dhule: पुलिस के सामने पीटती रही भीड़, मौत के बाद बोले अब इनके शव ले जाओ

Google Oneindia News

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के धुले में जिस तरह से बच्चे उठाने की अफवाह में भीड़ ने पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया उसके बाद इस मामले में बड़ी बात सामने आई है। जानकारी के अनुसार जिन पांच लोगों को मौत के घाट उतारा गया है वह सभी लोग स्थानीय पुलिस के पास रजिस्टर्ड थे और उनके पास वैध आधार कार्ड भी थे। अफवाह की वजह से इन पांचों लोगों को रैनपाड़ा गांव की पंचायत ने एक कमरे में बंद कर दिया था। प्रशासन के लोगों ने इस बाबत यह अलर्ट भी जारी किया था कि बच्चे उठाने की खबर अफवाह है। लेकिन इन तमाम बातों को नजरअंदाज करके भीड़ ने सभी पांच लोगों को मौत के घाट उतार दिया।

2 पुलिसवाले भी घायल

2 पुलिसवाले भी घायल

जिस वक्त पुलिस गांव पहुंची उस वक्त तक लोगों ने कमरे का ताला तोड़कर तीन लोगों को मार दिया था, लेकिन जब पुलिस ने बाकी दो लोगों को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया और दो पुलिसवाले इसमे घायल हो गए। घायल होने वालों में एसआई योगेश खटकल और एएसआई रणधीर शामिल हैं। पुलिस पहुंचने के बाद भी लोगों ने पांचों लोगों को पीटना जारी रखा और तबतक उन्हें पीटा जबतक कि उनकी मृत्यु नहीं हो गई।

सैकड़ो की भीड़ के सामने सिर्फ 8 पुलिसकर्मी

सैकड़ो की भीड़ के सामने सिर्फ 8 पुलिसकर्मी

इस घटना के बारे में एक पुलिसकर्मी ने बताया कि भीड़ में से एक व्यक्ति ने इन लोगों की नब्ज देखी और इस बात की पुष्टि की कि ये लोग मरे हैं या नहीं, जब लोगों को इस बात की संतुष्टि हो गई कि ये लोग मर गए हैं तो भीड़ में से एक व्यक्ति ने कहा कि ये मर गए हैं अब इन्हें ले जा सकते हैं। यहां गौर करने वाली बात यह है कि जिस भीड़ ने पांच लोगों को मौत के घाट उतारा उनकी संख्या सैकड़ों में थी और उनके हाथ में लाठी-डंडे आदि थे, वहीं इससे इतर वहां सिर्फ 8 पुलिसकर्मी हालात को संभालने के लिए पहुंचे थे।

इसे भी पढ़ें- महाराष्ट्र: बच्चा चोरी के शक में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा, 21 आरोपी गिरफ्तार

पूरा गांव फरार

पूरा गांव फरार

पुलिस टीम के एक सदस्य ने बताया कि भीड़ में तकरीबन 3500 लोग थे और हम सिर्फ 8, जब हमे पता चला कि दो लोग अभी भी जिंदा हैं तो हम लोगों ने उनसे अपील की कि इन्हें अस्पताल पहुंचाने दिया जाए, लेकिन ये लोग इस बात के लिए तैयार नहीं हुए और सभी पांच लोगों की मौत के बाद ही उनके शव को हमारे हवाले किया। इस घटना के बाद पुलिस ने 23 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, पूरे गांव और पंचायत कार्यालय के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, लेकिन जबतक पुलिस का जत्था यहां पहुंचा था तबतक गांव से सभी लोग फरार हो चुके थे

अफवाह खत्म करने में नाकाम पुलिस

अफवाह खत्म करने में नाकाम पुलिस

एसडीएम गनेश मिसाल ने बताया कि पुलिस की कार्रवाई के डर से गांव के लोग भाग गए हैं, सिर्फ बुजुर्ग महिलाएं और बच्चे ही गांव में बचे हैं। गांव में तैनात पुलिस का कहना है कि पूरे गांव में इस बात की अफवाह फैली हुई थी कि बच्चा चोर गिरोग गांव में है। हमने पंचायत के लोगों से कहा था कि वह गांव के लोगों को बताए कि बच्चा चोर गैंग सिर्फ अफवाह है, हकीकत में कोई भी बच्चा चोर गैंग नहीं है। जिस दिन लोगों को मौत के घाट उतारा गया उससे एक दिन पहले पुलिस ने टीवी पर एक अलर्ट भी दिखाया था जिसमे हमने बताया था कि बच्चा चोर गिरोह सिर्फ अफवाह है, अगले दिन अखबार में भी यह विज्ञापन छपवाया गया था।

इसे भी पढ़ें- मध्य प्रदेश: महिला सब-इंस्पेक्टर से भाजपा युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष ने की छेड़छाड़, फाड़े कपड़े

Comments
English summary
Dhule mob Lynching of 5 people sensational revelation in the case by police. Despite alerts people lynched 5 men.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X