Dharavi Project: मुंबई के धारावी प्रोजेक्ट पर अडानी ग्रुप का कब्जा , 5,069 करोड़ की लगाई थी बोली
एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के विकास का जिम्मा अडानी ग्रुप को मिला है। 5,069 करोड़ रुपए की बोली लगाकर अडानी समूह ने इस बड़ी परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी हासिल की है।
Dharavi Redevelopment Project: एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के विकास का जिम्मा अडानी ग्रुप को मिला है। 5,069 करोड़ रुपए की बोली लगाकर अडानी समूह ने इस बड़ी परियोजना को पूरा करने की जिम्मेदारी हासिल की है। ये दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है।
मुंबई में धारावी एशिया का धनी आबदी वाला क्षेत्र है। इसमें सबसे अधिक झोपड़पट्टियां हैं। इस लिहाज इसे एशिया का सबसे बड़ी झोपड़पट्टी वाला इलाका कहा जाता है। जिसमें करीब 58,000 परिवार रहते हैं। जबकि यहां लगभग 12,000 व्यावसायिक प्रतिष्ठान हैं। इस क्षेत्र की विकास को लेकर पिछले दो दशकों से महाराष्ट्र सरकार बात कर रही थी। 18 अक्टूबर को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस उद्देश्य के लिए एक 'निश्चित समझौते' (Definitive Agreement) पर हस्ताक्षर किए थे।
धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए मध्य मुंबई के दादर में 47.5 एकड़ से अधिक रेलवे की भूमि राज्य सरकार को सौंपी गई है। मंगलवार को अडानी समूह ने ₹5,069 करोड़ की बोली के साथ धारावी पुनर्विकास परियोजना जीत ली। जिसके बाद अब इस बड़े विकास का जिम्मा अडानी ग्रुप को मिल गया है।
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दरअसल, धारावी पुनर्विकास परियोजना के लिए 31 अक्टूबर तक निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। बाद में निविदा प्रक्रिया को बढ़ाने के चलते कंपनियों ने इससे मुंह मोड़ लिया था। समय सीमा विस्तार के अनुसार इच्छुक पार्टियां 15 नवंबर तक टेंडर जमा कर सकती थीं। 14 नवंबर तक 2 कंपनियों ने टेंडर जमा कर दिए थे। समय सीमा के अंतिम दिन एक कंपनी ने एक निविदा प्रस्तुत की। 16 नवंबर को बुधवार को टेंडर खोले गए थे, जिसमें अदाणी ग्रुप, नमन ग्रुप और डीएलएफ तीन कंपनियों का नाम शामिल था।