सरसों के तेल की कीमतों में फिलहाल राहत नहीं, केंद्र ने कहा- अगले साल फरवरी तक घटेंगे दाम
नई दिल्ली, 22 अक्टूबर: खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि सरसों के तेल का उत्पादन बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसकी कीमतों में भी कमी आएगी। हालांकि मंत्रालय ने अगल साल फरवरी तक ही कीमतों में कमी आने की बात कही है। बीते कुछ समय में खाद्य तेल की कीमतों में रिकॉर्ड बढोतरी देखने को मिली है, जिसने आम आदमी के बजट पर सीधा असर किया है। जिसके बाद सरकार की ओर से कीमतों को काबू करने के लिए कदम उठाने की बात कही गई है।
शुक्रवार को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव सुधांशु पांडेय ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि सरसों के तेल का उत्पादन करीब 10 लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। जिससे आपूर्ति बढ़ेगी और हम फरवरी तक सरसों के तेल की कीमतों में कमी देख सकेंगे। पाम ऑयल को लेकर सुधांशु पांडे ने बताया कि इंडोनेशिया, मलेशिया में लेबर की कुछ परेशानियों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हुई है। ऐसे में पाम ऑयल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ रही हैं लेकिन भारत में पाम तेल की कीमतें ना सिर्फ काबू हैं बल्कि घट रही हैं।
प्याज के निर्यात को रोकने पर विचार नहीं
प्याज के दामों को लेकर सुधांशु पांडे ने कहा, प्याज की कीमतें काबू में हैं, प्याज की कीमतों में हमने असाधारण वृद्धि नहीं देखी है। राज्यों की भी प्याज की कीमतों को लेकर यही राय है। ऐसे में हम प्याज के निर्यात को प्रतिबंधित करने की ओर नहीं देख रहे हैं। फिलहाल हम राज्यों को 26 रुपए किलो प्याज दे रहे हैं।
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को कम करने और उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केंद्र की पहल पर खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग सचिव ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ केंद्र का हस्तक्षेप अन्य देशों की तुलना में काफी ज्यादा है, जिससे कीमतें काफी काबू रही हैं।
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