कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर बोले विशेषज्ञ- ये 60 फीसदी ज्यादा तेजी से फैल सकता है
नई दिल्ली, 22 जून: कोरोना वायरस के नए डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर इस समय चिंताएं बढ़ी हुई हैं। एम्स के बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेर डॉ सुभद्रदीप कर्मकार ने इस वेरिएंट को लेकर जानकारी दी है। डॉ सुभद्रदीप कर्मकार का कहना है कि हर वैरिएंट एक अलग तरह की क्लिनिकल रेस्पॉन्स के साथ आता है। पिछले वेरिएंट में ऑक्सीजन का स्तर गिर रहा था लेकिन हम नहीं जानते कि डेल्टा प्लस वेरिएंट में किस तरह की परेशानियां होंगी। उन्होंने कहा कि ये बहुत अधिक संक्रामक हो सकता है।
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डॉ सुभद्रदीप कर्मकार के मुताबिक, डेल्टा प्लस में अतिरिक्त K417N म्यूटेंट है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में कंवर्ट होता है। ऐसा कहा जा रहा है कि काफी ज्यादा तेजी से फैलता है। अल्फा वेरिएंट के मुकाबले यह 35 से 60 फीसदी ज्यादा संक्रामक हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा वेरिएंट यह संख्या अभी बहुत कम है। यह अभी ऐसा नहीं है कि इसो लेकर बहुत चिंता की जाए क्योंकि यहां इससे संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या बहुत कम है।
कोरोना वायरस के दुनिया में अलग-अलग वेरिएंट मिल चुके हैं। वेरिएंट अल्फा (बी.1.1.7) पिछले साल सितंबर में यूनाइटेड किंग्डम में पाया गया, बीटा पिछले साल मई में दक्षिण अफ्रीका में सामने आया और गामा पिछले साल नवंबर में ब्राजील में पैदा हुआ था। अब डेल्टा प्लस वेरिएंट चिंता की वजह बन रहा है।
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भारत में मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक मरीज की मौत डेल्टा वेरिएंट की वजह से होना माना जा रहा है, उसको वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थी। सोमवार को महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 21 केस मिले हैं। इसमें सबसे ज्यादा नौ मामले रत्नागिरि में मिले हैं। वहीं जलगाव में 7 केस हैं।