Jitendra Gogi: कौन था DU का मेधावी छात्र रह चुका दिल्ली का मोस्ट वांटेड, रोहिणी कोर्ट में गैंगवार में हुआ ढेर
दिल्ली,24 सितंबर: तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली का गैंगस्टर जितेंद्र गोगी को उसके दुश्मनों ने रोहिणी कोर्ट के अंदर ही शुक्रवार को ताबड़तोड़ गोलियां मार कर खत्म कर दिया है। पुलिस ने उन हमलावरों को भी मार गिराया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस साल अप्रैल में ही गोगी को महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम ऐक्ट (एमसीओसीए) के तहत धर-दबोचा था। लेकिन, सलाखों के पीछे रहने के बावजूद वह अपने गैंग की गतिविधियों को अंजाम देता रहा; और यहां तक कि दुबई के एक गैंगस्टर से साठगांठ करके वहां के एक कारोबारी से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी भी मांग ली थी। आइए जानते हैं कि दिल्ली में एक दशक से ज्यादा समय तक एक कुख्यात गैंग का सरगना रहा जितेंद्र गोगी का काला इतिहास कैसा है ?
पिता की मौत के बाद बदल गई दुनिया
2010 में पिता की मौत के बाद जितेंद्र गोगी ने पढ़ाई-लिखाई से नाता तोड़ लिया और प्रॉपर्टी डीलिंग का कारोबार शुरू किया। एमसीओसीए के तहत उसपर हत्या, हत्या की कोशिश के 19 मामलों के अलावा रंगदारी या जबरन वसूली, डकैती, कार लूटने और लूट के दर्जनों केस दर्ज हैं। एमसीओसीए के तहत दर्ज एफआईआर के मुताबिक वह अपराध की दुनिया से जितनी भी कमाई करता था, उसका इस्तेमाल हथियार और महंगी एसयूवी खरीदने में करता था। बाद में इन सबका उपयोग वह और ज्यादा अपराध करने में करता गया। गोगी अपने उसी गैंग के साथ कई मामलों में कई बार गिरफ्तार हो चुका था।
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'दिल्ली यूनिवर्सिटी का मेधावी छात्र था जितेंद्र गोगी'
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक जितेंद्र गोगी दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रद्धानंद कॉलेज का एक मेधावी छात्र था। 2010 में दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र चुनावों के दौरान ही उसकी सुनील उर्फ टिल्लू गैंग के साथ दुश्मनी शुरू हुई थी। क्योंकि, टिल्लू और उसके गुर्गों ने कॉलेज चुनाव लड़ रहे गोगी के एक दोस्त की पिटाई कर दी थी। यहीं से गोगी ने उसके साथ दुश्मनी पाल ली। हालांकि, गोगी का दोस्त चुनाव मैदान से हट गया, लेकिन गोगी और टिल्लू गैंग के बीच शुरू हुआ गैंगवार कभी खत्म नहीं हुआ। पिछले 11 वर्षों में इन दोनों गैंग के 10 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।(दूसरी तस्वीर फाइल)
पुलिस को चकमा देने के लिए कुख्यात
इन वर्षों में ये दोनों गैंग पुलिस को चकमा देने और पुलिस की गिरफ्त से निकल भागने के लिए कुख्यात रहे हैं। पिछले महीने भी द्वारका इलाके से दिल्ली पुलिस ने गोगी गैंग के एक गुर्गे कुलदीप कसाना को एक एनकाउंटर में गिरफ्तार किया था। लगभग उसी दौरान दिल्ली के कराला इलाके से टिल्लू गैंग के भी दो सदस्य पकड़े गए थे, जिन्होंने कथित तौर पर निरंजन नाम के शख्स की हत्या कर दी थी, जिसके भाई प्रवेश ने टिल्लू गैंग के दो सदस्यों को मारा था। प्रवेश भी जितेंद्र गोगी के साथ उस हत्या में शामिल होने के चलते जेल में था। इससे पहले 2016 में गोगी को पानीपत पुलिस ने गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में कोर्ट ले जाते वक्त वह फरार हो गया था। पुलिस उसे हरियाणा रोडवज की बस से पेशी के लिए ले जा रही थी, तभी दो कारों में आए उसके गैंग के 10 बदमाशों ने बस रोक ली और बस में पहले से मौजूद उसके और गुर्गे ने पुलिस वालों की आंखों में मिर्ची पाउडर झोंककर उसे फरार कर दिया। भागते वक्त गोगी गैंग पुलिस वालों के हथियार भी लूट ले गए। यह कोई एक मामला नहीं है, वह कम से कम तीन बार पुलिस की गिरफ्त से भाग चुका था और दिल्ली-हरियाणा दोनों पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहता था।
लोक गायक हर्षिता दहिया की हत्या में शामिल
2017 के फरवरी में दिल्ली के अलीपुर का रहने वाले गोगी ने उसी इलाके के देवेंदर प्रधान का कत्ल कर दिया था, क्योंकि प्रधान का बेटा गोगी के गुर्गे की हत्या में कथित तौर पर शामिल था। उसी साल गोगी ने हरियाणा की लोकप्रिय लोक गायक हर्षिता दहिया की भी हत्या कर दी, क्योंकि वह उसके गैंग के एक सदस्य दिनेश कार्ला पर दर्ज हत्या के एक मामले में मुख्य गवाह थी। गोगी गैंग की ओर से हत्या की वारदातों का सिलसिला जारी रहा। उसी साल नवंबर में दीपक नाम के एक टीचर को मार दिया गया और अगले साल जनवरी में प्रशांत विहार में रवि भारद्वाज का भी कत्ल हो गया।
दुबई के कारोबारी से 5 करोड़ की रंगदारी मांगी थी
गोगी का दाहिना हाथ कुलदीप मान उर्फ फज्जा कुछ महीने पहले ही जीटीबी अस्पताल से पुलिस गिरफ्त से भागने के बाद मार गिराया गया था। उसके बाद से गोगी के भी फरार होने की आशंका बढ़ गई थी। बाद में उसने दुबई में मौजूद गैंगस्टर संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ साठगांठ कर ली थी। वह तिहाड़ जेल से ही दुबई के एक कारोबारी से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने को लेकर चर्चा में आया था।