दिल्ली दंगा: धार्मिक स्थल में आग लगाने के मामले में ठीक से नहीं हुई जांच, कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
नई दिल्ली: पिछले साल फरवरी में राजधानी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान उपद्रवियों ने एक धार्मिक स्थल में आग लगा दी थी। जिसकी जांच में लापरवाही का मामला सामने आया है। जिस पर कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट के मुताबिक पुलिस ने इस जांच में लापरवाही के साथ जल्दबाजी दिखाई। साथ ही अपवित्र तरीक से जांच को अंजाम दिया, जो एकदम सही नहीं है। कोर्ट की सख्ती के बाद पुलिस ने भी माफी मांगी।
दरअसल 25 फरवरी 2020 को करावल नगर थाना क्षेत्र के शिव विहार के पास दंगाइयों ने दो गैस सिलेंडर की मदद से एक धार्मिक स्थल को आग के हवाले कर दिया। ये मामला कोर्ट पहुंचा और अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस आदेश के खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव की कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। पुलिस ने पहले कोर्ट को बताया कि एफआईआर संख्या 72 में जांच जारी है। इसके बाद 17 मार्च को हुई सुनवाई में कहा कि घटना के दिन डेली डायरी नंबर 35 ए में प्राथमिक सूचना दर्ज की गई थी। उस आधार पर एफआईआर संख्या 55 दर्ज कर जांच की जा रही है।
नई एफआईआर की बात आने पर कोर्ट ने तुरंत दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई। साथ ही डेली डायरी और एफआईआर 55 का ब्योरा मांगा। उस दौरान कोर्ट ने कहा था कि डेली डायरी बनाने में आपराधिक प्रक्रिया संहिता का पालन पुलिस ने नहीं किया। इसके अलावा पेन से हस्ताक्षर बनाए, जबकि नियमानुसार उसे डिजिटल होना था। वहीं बुधवार को कोर्ट ने जांच अधिकारी ने पूछा कि एसएचओ ने उन्हें जो मामला दिया था, उसमें क्या जांच हुई। इस पर सब इंस्पेक्टर ने जवाब दिया कि उन्हें कोरोना हो गया था।
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कोरोना होने की बात पर कोर्ट ने पूछा कि जब आपको कोरोना नहीं हुआ था तो कितनी जांच की। क्या आपने डीडी प्रविष्टि लिखी। इस पर एसआई चुप रहे। जिस पर दोबारा जज ने पूछा कि उनकी जुबान क्यों बंद है। तब एसआई ने जवाब दिया कि उन्होंने कुछ नहीं किया था। इस पर कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को लिखे जाने की बात कही, तब जाकर एसआई ने अपनी गलती के लिए माफी मांगी।