दिल्ली HC का निर्देश- दिल्ली सरकार और रेलवे मिलकर मजदूरों की वापसी का करें इंतजाम
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि मजदूरों को पैदल ना चलना पड़े इसके लिए रेलवे और राज्य सरकार को मिलकर इंतजाम करने चाहिए। शुक्रवार को अदालत ने दिल्ली सरकार और रेलवे को निर्देश दिया है कि वो मिलकर ये सुनिश्चित करें कि किसी भी मजदूर पैदल घर वापस जाने के लिए मजबूर ना होना पड़े। अदालत ने कहा कि सरकार रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था करे और मजदूरों की वापसीका इंतजाम करे।
मजदूरों के सैकड़ों मील पैदल चलने और इस दौरान उनके साथ हो रहे हादसों की ओर कोर्ट का ध्यान दिलाते हुए एक जनहित याचिका दायर की गई है। इसी याचिका पर कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अखबारों और टीवी पर विज्ञापन दें ताकि मजदूरों को पता चल सके कि उनको कैसे ट्रेन मिल सकती है, कहां उनको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रेलवे की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि वो जब भी दिल्ली सरकार मांगेगी ट्रेन उपलब्ध कराई जाएगी। बता दें कि लॉकडाउन के बाद से ही मजदूरों का बड़े शहरों से अपने घरों को लौटने का सिलसिला जारी है। इस दौरान लगातार वो हादसों का शिकार भी हो रहे हैं और कई तरह की अमानवीय स्थितियों का सामना कर रहे हैं। बीते 45 दिन में कई मजदूरों की मौत हुई है और सैकड़ों घायल हुए हैं।
शराब पर अतिरिक्त टैक्स को लेकर भी याचिका
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक राजधानी में सभी ब्रांडों की शराब की कीमत पर 70 फीसदी 'विशेष कोरोना शुल्क' वसूलने पर भी सरकार से जवाब मांगा है। सरकार के इस फैसले को नौती देने वाली कई याचिकाओं पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब पर 70 फीसदी कोरोना शुल्क वसूलने पर रोक लगाने से अभी के लिए इनकार कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी की आम आदमी पार्टी की सरकार से शराब की ऑनलाइन बिक्री और होम डिलीवरी पर फैसला 15 मई तक लेने को कहा है।
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