अरविंद केजरीवाल के C40 क्लाइमेट समिट में भाग लेने पर सस्पेंस, विदेश मंत्रालय ने नहीं दे मजबूरी
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के 9-12 अक्टूबर के बीच डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित हो रहे सी 40 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पर ससंपेंस बरकरार है। उन्हें विदेश मंत्रालय ने कोपेनहेगन की यात्रा करने और वहां समिट पर बोलने को लेकर मंजूरी नहीं दी है। केजरीवाल को समिट में दिल्ली के प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली की आप सरकार की ओर से किए गए प्रयास और योजनाओं पर बोलना है।
केजरीवाल की मंजूरी पर सस्पेंस
दरअसल देश के किसी भी राजनेता, मंत्री या मुख्यमंत्री को विदेश में किसी भी मंच पर देश के विजन या सरकार की नीतियों पर बोलने के लिए विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होती है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने कोपेनहेगन के सी 40 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने और बोलने से संबंधित मंजूरी के लिए आवेदन किया था। लेकिने ये अभी प्रक्रियाधीन(अंडरप्रोसेस) है।
हाल ही में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को अपनी रूस यात्रा के दौराम ऐसे ही समस्याओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने तब ट्वीट कर कहा था कि मुझे मॉस्कों में वर्ल्ड एजुकेशन कांफ्रेस में दिल्ली में शिक्षा सुधारों पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। लेकिन मुझे आज रात इसे छोड़ना पड़ा क्योंकि भारत सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। ये पिछले 10 दिनों प्रक्रियाधीन था। पिछले साल विदेश मंत्रालयने दिल्ली के स्वास्थ मंत्री सत्येंद्र जैन को ऑस्ट्रेलिया जाने की अनुमति देने से मना कर दिया था।
केजरीवाल को उम्मीद है कि अगले महीने कोपेनहेगन बैठक में वो लीड कर पाएंगे। दिल्ली सरकार ने इससे संबंधित आधिकारिक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल कोपेनहेगन में सी40 क्लाइमेट समिट के दौरान दिल्ली में प्रदूषण कम करने की सफलता की कहानी पेश करेंगे। वह ऑड-ईवन और अन्य उपायों पर बात करेंगे, जिसकी वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई गई। वायु प्रदूषण से निपटने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार ने जनवरी, 2016 में ऑड इवन लागू किया था।