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राफेल डील पर हंगामे के बाद फिर लोकसभा में रक्षा मंत्री सीतारमण ने दिया ये जवाब

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नई दिल्‍ली। शुक्रवार को कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल डील पर सवाल उठाए। राहुल ने अखबार द हिंदू में आई एक रिपोर्ट के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके एक बार डील के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाए। उन्‍होंने पीएम मोदी पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) को धोखा देने तक का आरोप लगाया है। राहुल की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के बाद एक बार फिर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में सरकार का रुख पेश किया। रक्षा मंत्री ने द हिंदू में आई रिपोर्ट के बाद अखबार पर भी सवाल उठाए हैं। द हिंदू ने अपनी रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक इंटरनल नोट जिसे 'असहमति पत्र' कहते हैं, उसके पब्लिश किया है। इसके सामने आने के बाद ही एक बार फिर से राफेल का मुद्दा सुर्खियों में आ गया है।

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अखबार ने सिर्फ एक पक्ष ही छापा

रक्षा मंत्री सीतारमण ने अखबार रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि अखबारों को इस तरह की रिपोर्ट पब्लिश करने से पहले सिर्फ एक पक्ष ही नहीं छापना चाहिए। उन्‍हें दूसरे पक्ष यानी तत्कालीन रक्षा मंत्री की राय भी लेनी चाहिए थी। सीतारमण ने अखबार पर रिपोर्ट के लिए 'सेलेक्टिव तरीका' अपनाने का आरोप लगाया है। द हिंदू में आए नोट के बाद ही राहुल गांधी ने पीएम पर हमला बोला है। जो नोट सामने आया है वह 24 नवंबर 2017 का है और रक्षा मंत्रालय की ओर से दर्ज कराए गए विरोध से जुड़ा है। इस नोट के मुताबिक पीएमओ की ओर से जारी समान वार्ता की वजह से रक्षा मंत्रालय और भारत की टीम से की ओर से जारी बातचीत कमजोर पड़ती जा रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरी खींचतान की तरफ डील के समय रक्षा मंत्री रहे मनोहर पार्रिकर का भी ध्‍यान गया था। रिपोर्ट में आधिकारिक डॉक्‍यूमेंट्स के हवाले से कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय की ओर से पीएमओ के रुख का विरोध किया गया था।

कांग्रेस पर उठाए सवाल

रक्षा मंत्री सीतारमण ने लोक सभा में कहा कि एक असहमति पत्र का तत्‍कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने जवाब भी दिया था। सीतारमण ने बताया कि पार्रिकर ने कहा था कि परेशान होने की जरूरत नहीं है और सभी चीजें सही चल रही हैं। इसके बाद उन्‍होंने कांग्रेस से सवाल किया कि यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक एनएसी चल रहा था। क्या यह पीएमओ में दखल नहीं था? यह क्या था वहीं लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्ष जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग करता है और इससे सबकुछ साफ हो जाएगा। डील के समय रक्षा सचिव रहे जी मोहन कुमार ने भी द हिंदू की रिपोर्ट में दिए गए नोट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने न्‍यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा है कि जो नोट उनकी तरफ से भेजा गया था, उसका कीमत से कोई लेना-देना नहीं था। यह सिर्फ आम शर्तों और संप्रभुता से जुड़ा हुआ था।

English summary
Defence Minister Nirmala Sitharaman replies in Lok Sabha on Rafale deal and said then Defence Minister Manohar Parrikar ji replied to that MoD note that remain calm.
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