रक्षा मंत्री ने फिर दिया सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान, इस बार RSS से जोड़ा
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर स्थित उरी में सेना के बेस कैंप पर हुए हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से पाक अधिकृत कश्मीर में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक पर बयानों और विवादों का सिलसिला थम नहीं रहा है।
रोक चुके हैं पीएम मोदी
गौरतलब है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पार्टी नेताओं और सरकार में मंत्रियों को यह नसीहत दी थी कि वे इस मामले पर ज्यादा बढ़ चढ़ कर न बोलें।
साथ ही विपक्ष, खास तौर से कांग्रेस ने सर्जिकल स्ट्राइक के बाद उससे जुड़े कई पोस्टरों और बयानों के बाद सत्ता प्रतिष्ठान पर आरोप लगाया था कि सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति की जा रही है।
बावजूद इन सबके अभी भी सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता कहीं न कहीं सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र अपनी पीठ थपथपाने के लिए कर देते हैं।
इतना ही सर्जिकल स्ट्राइक के अगले दिन खुद पीएम मोदी स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान विज्ञान भवन में मौजूद लोगों को संबोधित किया था लेकिन उन्होंने स्ट्राइक का कोई जिक्र नहीं किया था। साथ ही सरकार के कई मंत्री इस पर खामोश रहे।
हालांकि हाल ही में मध्य प्रदेश स्थित भोपाल में शौर्य स्मारक के उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने यह कहा था कि सेना बोलती नहीं है, सेना पराक्रम करती है।
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पर्रिकर ने फिर दिया बयान
ताजा मामला रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से जुड़ा है। इस बार उन्होंने अपने बयान को संघ और उसकी शिक्षा से भी जोड़ दिा है।
कार्यक्रम के दौरान पर्रिकर ने कहा कि 'यह आश्चर्य है कि महात्मा गांधी के गांव से आने वाले प्रधानमंत्री, गोवा से डिफेन्स मिनिस्टर और सर्जिकल स्ट्राइक, संभवतः आरएसएस ( राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ) बुनियादी शिक्षा दे रही है, लेकिन यह एक अलग तरह का संयोजन है।'
बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल पैदा हो गया था जिसके बाद सरकार और पार्टी नेताओं को इस पर ज्यादा न बोलने की सलाह दी गई थी।
बयानों के कारण विवादों मे रहे पर्रिकर
लेकिन अमूमन शांत और गंभीर बयानों के लिए जाने जाने वाले पर्रिकर सर्जिकल स्ट्राइक पर अपने बयानों के कारण खासा विवाद में रहे।
गौरतलब है कि बीते दिनों कांग्रेस नेता और यूपीए शासन काल में रक्षा मंत्री रहे ए के एंटनी ने उस बयान का विरोध जताया था।
अपने बयान में पर्रिकर ने कहा था कि 'पहले जो भी ऑपरेशन हुए वो सभी कोवर्ट थे जिसमें पहले सेना एक्शन लेती है, उसके बाद सरकार को इसकी सूचना देती है। लेकिन 29 सितंबर को सर्जिकल स्ट्राइक करने का फैसला सरकार ने लिया था।'
पर्रिकर के इस बयान पर एंटनी ने कहा था कि ' वे कहते हैं कि पिछले 30 साल के फ्रस्ट्रेशन की वजह से सर्जिकल स्ट्राइक हुआ। कोई उनको कंट्रोल करे। मैं इस बयान पर कड़ा विरोध जताता हूं।'
एंटनी ने कहा था कि , 'पर्रिकर ने ऐसा कहकर भारतीय सेना और देश का अपमान किया है। मुझे उनके बयान पर दुख हुआ।'
इतना ही नहीं सर्जिकल स्ट्राइक पर अन्य दलों ने भी भाजपा पर श्रेय लेने का आरोप लगाया था।
राहुल ने कहा था खून की दलाली
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां तक कहा था कि ' हमारे जवान हैं जिन्होंने देश के बचाने के लिए खून दिया है, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक किया। उनके खून के पीछे पीएम मोदी छुपे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवानों के खून की दलाली कर रहे हैं। '
इस बयान पर भी सत्ताधारी दल और पार्टी नेताओं ने राहुल को खूब कोसा था।
पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के लायक नहीं
पर्रिकर ने इससे पहले भी मुंबई में अपने एक संबोधन के दौरान कहा था कि मुझे स्ट्राइक का श्रेय देश और यहां के हर नागरिक साथ बांटने में कोई दिक्कत नहीं है। इसे सेना ने अंजाम दिया, राजनीतिक दलों ने नहीं। इसका बहुत सारा श्रेय पीएम को जाता है। मैं अपने लिए थोड़ा क्रेडिट सिर्फ फैसला लेने की क्षमता और योजना बनाने के लिए लूंगा।'
उनके इसी बयान पर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा था कि पर्रिकर देश के रक्षा मंत्री रहने लायक नहीं है। वो फूड एंड सिविल सर्विस मंत्री हो सकते हैं।
यहां देखें वीडियो
Manohar Parrikar: Mahatma ke goan se aane wale PM,Goa se Defence Min aur surgical strike,equation was diff,maybe RSS teaching was basic core pic.twitter.com/viDMizWdRu
— ANI (@ANI_news) October 17, 2016